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अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट ने वोटिंग के जरिए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे इम्पीचमेंट (महाभियोग) ट्रायल को संवैधानिक ठहराया है. इससे पहले ट्रंप के वकीलों ने दलील दी थी कि ट्रंप पर इम्पीचमेंट ट्रायल चलाना असंवैधानिक है क्योंकि वह अब पद पर नहीं हैं.
एनबीसी न्यूज के मुताबिक, मंगलवार को ट्रंप के इम्पीचमेंट ट्रायल का पहला दिन 6 जनवरी को हुई कैपिटल बिल्डिंग हिंसा के एक ग्राफिक वीडियो के साथ शुरू हुआ. फिर हाउस डेमोक्रेटिक मैनेजर्स और ट्रंप का बचाव करने वाली टीम ने अपनी-अपनी दलीलें सामने रखीं. सीएनएन ने मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों के हवाले से बताया है कि ट्रंप अपने इम्पीचमेंट वकील ब्रूस कास्टर की शुरुआती दलीलों से खुश नहीं हैं.
बता दें कि इम्पीचमेंट के तहत, कैपिटल बिल्डिंग में हुई हिंसा को लेकर ट्रंप पर 'विद्रोह भड़काने' का आरोप लगाया गया है. यह आरोप हिंसा से ठीक पहले ट्रंप की एक रैली में उनके 'भड़काऊ भाषण' के आधार पर लगाया गया है. हालांकि ट्रंप के वकीलों की दलील है कि ट्रंप ने अपने समर्थकों की रैली के दौरान लोगों को दंगे के लिए नहीं भड़काया था. उन्होंने दलील दी कि ट्रंप की टिप्पणी ''अगर जी-जान से नहीं लड़ते तो आप यह देश खोने जा रहे हैं, चुनाव सुरक्षा के सामान्य संदर्भ में की गई थी, न कि हिंसा के आह्वान के लिए थी.''
100 सदस्यीय सीनेट में फिलहाल डेमोक्रेटिक पार्टी और रिपब्लिकन पार्टी दोनों के 50-50 सांसद हैं. मगर सीनेट पर डेमोक्रेटिक पार्टी का नियंत्रण है, क्योंकि इस पार्टी की नेता कमला हैरिस जो उपराष्ट्रपति भी हैं, वह सीनेट में टाई-ब्रेकिंग वोट डाल सकती हैं.
मंगलवार को ट्रायल की संवैधानिकता को लेकर जो वोटिंग हुई, उसमें 6 रिपब्लिकन सीनेटरों ने ट्रंप के खिलाफ जाकर वोट किया. मगर ट्रंप को दोषी ठहराने के लिए और 67 वोट का आंकड़ा पूरा करने के लिए इससे कहीं ज्यादा रिपब्लिकन सीनेटरों के समर्थन की जरूरत पड़ेगी. ऐसे में अभी के हालात के हिसाब से माना जा रहा है कि इम्पीचमेंट ट्रायल में ट्रंप के दोषी ठहराने जाने की संभावना कम ही है.
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