advertisement
अमेरिका की पहली हिंदू सांसद और हवाई से डेमोक्रेट पार्टी की सांसद तुलसी गेबार्ड 2020 में राष्ट्रपति चुनावों में उतर सकती हैं. डेमोक्रेट पार्टी की नेता तुलसी ने कहा, 'मैंने चुनाव लड़ने का सोच लिया है. जल्द ही इसके संबंध में मैं आधिकारिक घोषणा करूंगी.' सीएनएन न्यूज के एक इंटरव्यू में तुलसी ने यह बात कही. तुलसी 2013 से अमेरिका के हवाई राज्य से हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में डेमोक्रेट सांसद हैं. वे अमेरिकी संसद में जगह बनाने वाली पहली हिंदू भी हैं.
गबार्ड का जन्म अमेरिका के समोआ में एक कैथोलिक परिवार में हुआ था. उनकी मां कॉकेशियन हिंदू हैं. इसी के चलते तुलसी गेबार्ड शुरुआत से ही हिंदू धर्म की अनुयायी रही हैं. सांसद बनने के बाद तुलसी ने भगवद गीता के नाम पर शपथ ली थी. तुलसी, हाउस की ताकतवर आर्म्ड सर्विस कमेटी और विदेश मामलों की कमेटी की सदस्य हैं. चार बार की सांसद भारत अमेरिका के संबंधों की बड़ी समर्थक हैं.
2002 के गुजरात दंगों के बाद अमेरिकी सरकार ने नरेंद्र मोदी को वीसा देने से मना कर दिया था जो कि उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री थे. गेबार्ड ने उस वक्त अमेरिकी सरकार के फैसले का विरोध किया था. Quartz में छपे एक आर्टिकल के मुताबिक नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के 5 महीनों बाद गेबार्ड ने एक प्रस्ताव का विरोध किया, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका-भारत रणनीतिक वार्ता के लिए "धार्मिक स्वतंत्रता और संबंधित मानवाधिकारों का आह्वान किया गया था और इस तरह के मुद्दों को संघीय और राज्य भारत सरकार के अधिकारियों के साथ सीधे उठाया जाना था," गेबार्ड के मुताबिक यह प्रस्ताव भारत-अमेरिका के रिश्तों को कमजोर करेगा.
अगस्त 2014 में मोदी के मैडिसन स्क्वायर में दिए गए स्पीच के बाद तुलसी गेबार्ड उनसे मिलीं और भेंट में भगवद गीता दी. इससे पहले अगस्त 2014 में बीजेपी के लिए जॉर्जिया, यूएस के एक फंडरेजिंग इवेंट में उन्होंने मोदी की 2014 आम चुनाव में जीत को खूब सराहा था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)