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अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने घोषणा के मुताबिक तुर्की ने संघर्ष विराम के लिए हामी भर दी है. साथ ही कुर्दों की सीरियन डेमोक्रेटिर फ्रंट ने भी सीजफायर के पालन करने की इच्छा जताई है. बता दें कि अमेरिका और तुर्की ने 5 दिनों के लिए सीजफायर की घोषणा की है और कुर्दों को उत्तरी सीरिया खाली करने के लिए कहा है. तुर्की और कुर्दों के बीच 9 दिनों से लड़ाई चल रही थी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस फैसले का स्वागत किया है.
तुर्की के राष्ट्रपति तय्यिप एर्डोगन के साथ 4 घंटे से ज्यादा की चली बातचीत के बाद माइक पेंस ने कहा कि इस हाई लेवल मीटिंग का मकसद सीरिया में तुर्की के आक्रमण से हो रहे खून खराबे को रोकना था.बीते हफ्ते तुर्किश सेना और तुर्की समर्थित सीरियाई लड़ाकों ने उत्तरी सीरिया में कुर्दों की फौज पर हमला किया था. ये हमला डोनाल्ड ट्रंप के अचानक से अपनी सेना को उत्तरी सीरिया से वापस बुलाने के 2 दिन बाद हुआ.
डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट कर इस मुलाकात के बाद लिए गए फैसले का स्वागत किया. ट्रंप ने लिखा, ‘मानव सभ्यता के लिए ये एक महान दिन है. मुझे गर्व है कि जरूरी लेकिन थोड़ा अपरंपरागत कदम उठाने के दौरान अमेरिका मेरे साथ रहा. लोग इस ‘समझौते’ को करने के लिए सालों से लगे रहे. अब लाखों जाने बचेंगी. सबको बधाई.’
तुर्की की तरफ से 5 दिनों की सीजफायर की घोषणा के बाद एडीएफ चीफ मजलूम अब्दी ने कहा, ‘‘रस अल-आयन से लेकर तल आब्याद तक के इलाके में हम सीजफायर को मानने के लिए तैयार हैं. हमने बाकी के इलाकों (जिसे तुर्की सेफ जोन घोषित करना चाहता है) के बारे में चर्चा नहीं की है.’’
तुर्की ने सीरिया पर 9 अक्टूबर को आक्रमण किया था. इसके बाद से उत्तरी सीरिया में दर्जनों जाने गई हैं और करीब 3 लाख लोगों को विस्थापित होना पड़ा है. अब्दी ने अमेरिका से विस्थापित हुए लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए गारंटी मांगी है. तुर्की कुर्दिश सेना को दूर रखने के लिए सीमा पर सीरीया की तरफ 30 किलोमीटर अंदर तक एक बफर जोन बनाना चाहता है और करीब 36 लाख सीरियन शर्णाथियों को वहां बसाना चाहता है जो तुर्की में रह रहे हैं.
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