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जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया है. इसे भारत की बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत बताया जा रहा है. ऐसा तब मुमकिन हो पाया, जब सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति में मसूद अजहर को 'ब्लैक लिस्ट' में डालने के एक प्रस्ताव पर चीन ने अपनी रोक हटाने का फैसला किया.
आइए जानते हैं कि इस फैसले से मसूद अजहर पर क्या असर पड़ने वाला है.
अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने की ये पिछले 10 साल में चौथी कोशिश थी. सबसे पहले 2009 में भारत ने प्रस्ताव रखा था. फिर 2016 में भारत ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र की 1267 कमेटी काउंसिल के सामने दूसरी बार प्रस्ताव रखा. इन्हीं देशों के समर्थन के साथ भारत ने 2017 में तीसरी बार ये प्रस्ताव रखा. इन सभी मौकों पर चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर ऐसा होने से रोक दिया था.
इससे पहले चीन ने मंगलवार को कहा था कि UN अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने का ये विवादित मुद्दा ‘अच्छी तरह सुलझ’ जाएगा. बता दें कि अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस की ओर से जैश सरगना अजहर पर प्रतिबंध लगाने के ताजा प्रस्ताव पर चीन ने मार्च में वीटो लगा दिया था.
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