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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) जॉन बोल्टन ने उन्हें लेकर एक बड़ा दावा किया है. एसोसिएटेड प्रेस (AP) की रिपोर्ट के मुताबिक, अपनी आने वाली किताब में बोल्टन ने कहा है कि ट्रंप ने 2019 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से 'अपने दोबारा चुने जाने की कोशिशों में मदद मांगी थी.'
रिपोर्ट में बताया गया कि बोल्टन ने लिखा, "मैं दिमाग पर जोर डालकर अपने कार्यकाल के दौरान ट्रंप का कोई ऐसा महत्वपूर्ण फैसला भी याद नहीं कर सकता, जो उनके दोबारा चुने जाने के लक्ष्य से प्रेरित न हो."
AP ने रिलीज से पहले ही इस किताब की एक कॉपी हासिल कर ली है. AP की रिपोर्ट में कहा गया कि किताब में 'ट्रंप और उनके प्रशासन की एक अलग छवि' पेश की गई है.
बोल्टन करीब 17 महीने के लिए NSA रहे थे. जॉन बोल्टन का कहना है कि ट्रंप की जिनपिंग से 2020 राष्ट्रपति चुनाव के बारे में बातचीत समेत कई चर्चा उनके लिए 'चिंताजनक' थीं. बोल्टन का कहना है कि कांग्रेस को इन घटनाओं पर इम्पीचमेंट इन्क्वायरी करते समय विचार करना चाहिए.
बोल्टन ने किताब में लिखा कि 'ट्रंप को हमेशा साजिश दिखती थी और उन्हें व्हाइट हाउस संभालने तक कि जानकारी नहीं थी, इतनी बड़ी फेडरल सरकार की बात ही अलग है.' किताब के कंटेंट पर बोल्टन और व्हाइट हाउस के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा है.
जस्टिस डिपार्टमेंट कथित रूप से इस किताब की रिलीज रोकने की कोशिश कर रहा है. डिपार्टमेंट का दावा है कि 'किताब में उच्च स्तर की क्लासिफाइड जानकारी है और नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की जरूरी समीक्षा नहीं की गई है.' हालांकि अप्रैल में एक अधिकारी ने कहा था कि किताब में कोई क्लासिफाइड जानकारी नहीं है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, बोल्टन ने दावा किया है कि उन्होंने समीक्षा प्रक्रिया के दौरान किताब में कई बदलाव किए हैं और साथ ही कुछ हिस्सों को दोबारा लिखा, जिससे कि वो उनका नजरिया लगे न कि संवेदनशील जानकारी.
AP की रिपोर्ट का कहना है कि बोल्टन ने किताब में लिखा है ट्रंप लगातार चीन को 'बढ़ावा देते थे.' बोल्टन ने लिखा, "ओसाका G-20 बैठक के डिनर के दौरान सिर्फ इंटरप्रेटर मौजूद थे. जिनपिंग ने ट्रंप को बताया कि क्यों वो शिनजियांग में कंसंट्रेशन कैम्प्स बना रहे हैं. ट्रंप ने कहा कि जिनपिंग को कैम्प्स बनाने चाहिए क्योंकि उन्हें लगता है कि ये ठीक काम है."
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