Home News World ट्रंप बचकानी हरकतों से अपनी भद्द पिटा रहे, अमेरिका में डर बढ़ा रहे
ट्रंप बचकानी हरकतों से अपनी भद्द पिटा रहे, अमेरिका में डर बढ़ा रहे
ट्रंप की गलत और भ्रामक बातों से बच रहा सोशल मीडिया
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ट्रंप की गलत और भ्रामक बातों से बच रहा सोशल मीडिया
(फोटो: AP)
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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जैसे-जैसे रोचक होता जा रहा है वैसे-वैसे ट्रंप के मुंह से झूठे और हवाई दावे निकलते जा रहे हैं. अब माहौल ऐसा हो गया है कि सोशल मीडिया ट्विटर और न्यूज नेटवर्क्स उनकी बातों को दिखाने से बचने लगे हैं.
ट्रंप की गलत और भ्रामक बातों से बच रहा सोशल मीडिया
पिछले कुछ दिनों से डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट और उनकी बातें दोनों पर सभी नजरें लगी रहती हैं. ट्रंप अपनी इन्हीं बातों में गजब का झूठ और भ्रामक तथ्य सबके सामने परोस देते हैं. जिससे न केवल अमेरिका बल्कि दुनिया भर में उनकी किरकरी हो रही है. ट्रंप अपने राष्ट्रपति पद की गरिमा को भी ठेस पहुंचा रहे हैं.
ट्विटर
कुछ दिनों में उनके हालिया कुछ ट्वीट्स को ट्विटर ने या तो ब्लॉक कर दिया है या फिर उसके साथ गलत या मिसलीडिंग कंटेंट की चेतावनी जारी की है. इसके साथ ही ट्विटर ने ट्रंप के कुछ ट्वीट्स पर एक तरह की पाबंदी लगी दी है जिसके बाद कोई यूजर न तो इसे लाइक कर सकता है और न ही री-ट्वीट कर सकता है.
ट्रंप के ट्वीट पर ट्विटर ने लिखा है कि ‘चुनाव से संबंधित इस ट्वीट में किया गया दावा या दावे का कुछ हिस्सा विवादित है और भ्रामक हो सकता है.'
ट्विटर और FB ने कहा है कि उनकी कपंनी द्वारा हाल में बनाए गए कई नए अकाउंट्स को सस्पेंड किया गया है.
चुनाव के दिन के बाद से अब तक ट्विटर ट्रंप के 39 फीसदी ट्वीट्स को फ्लैग कर चुका है. यानी कि इन ट्वीट्स पर गलत जानकारी की वॉर्निंग लगाई जा चुकी है.
ट्विटर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पूर्व रणनीतिकार स्टीव बैनन का अकाउंट बंद कर दिया है.
फेसबुक
ट्रंप के फेसबुक पोस्ट पर भी फैक्ट चेक का बॉक्स लगाया गया है. FB ने ट्रंप की पोस्ट लिखा है कि इलेक्शन के अंतिम नतीजे आने में कुछ समय लग सकता है. FB ने ट्रंप की पोस्ट्स या मैसेज पर लाइक या शेयर करने पर किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं लगाई है.
फेसबुक की तरफ से एक बयान में कहा गया कि “चुनावी नतीजे आने से पहले जीत का दावा करने वाले डोनाल्ड ट्रंप के पोस्ट के बाद से हम FB और Insta इंस्टाग्राम पर नोटिफिकेशन दिखा रहे हैं कि मतों की गिनती अभी जारी है और अब तक विजेता की घोषणा नहीं की गई है.’
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यूट्यूब
यूट्यूब ने भी अपने प्लेटफॉर्म पर फेक इलेक्शन रिजल्ट्स को लेकर लाइव स्ट्रीम कर रहे कई अकाउंट्स को सस्पेंड कर दिया है. वहीं FBI ने कहा है कि उनकी तरफ से कई फेक फोन कॉल्स की पड़ताल की जा रही है.
अमेरिकी इलेक्शन को वॉच कर रहे रिसर्च ग्रुप (इलेक्शन इंटीग्रिटी पार्टनरशिप) ने अनुमान लगाया है कि लगभग दो लाख साठ हज़ार से अधिक लोगों ने यूट्यूब पर झूठे नतीजे देखे हैं.
यूट्यूब ने कहा है कि समीक्षा के बाद उनकी तरफ से उन लाइव स्ट्रीम्स को हटाया जा रहा है जो कंपनी के नियमों के खिलाफ हैं.
न्यूज चैनल
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब ट्रंप ने झूठ और गलत जानकारी देते हुए कहा कि “वैलिड वोट काउंटिंग के हिसाब से वो ही विजेता होंगे. ट्रंप के पास इस बात का भी कोई प्रमाण नहीं था.” दस दौरान अमेरिका के प्रमुख चैनलों जैसे ABC, CBS और NBC ने उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस की कवरेज को बीच में ही रोक दिया और दर्शकों से कहा कि राष्ट्रपति ने कई झूठे बयान दिए हैं.
ट्रंप से खफा और भी
एक्सपर्ट्स ने कहा है कि अवैध वोटों के ट्रंप के दावे का कोई जायज आधार नहीं है. ट्रंप जिन पोस्टल वोटों की काउंटिंग की बात कर रहे हैं, वो अवैध नहीं हैं. उनकी गिनती बाद में इसलिए हो रही है, क्योंकि अमेरिका के कई राज्यों में यही प्रावधान है.
यहां तक कि रिपब्लिक वेटरन लॉयर बेन गिन्सबर्ग और क्रिस क्रिस्टी ने भी ट्रंप के बयानों का विरोध किया है.
ट्रंप ने एक ट्वीट में लिखा है कि “STOP THE COUNT!” यानी वोटों की गिनती रोक दो. इस पर पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग (Greta Thunberg) ने चुटकी लेते हुये लिखा कि “क्या बकवास है. डोनाल्ड को पहले अपने गुस्से पर काबू पाना सीखना चाहिए और फिर किसी दोस्त के साथ पुराने दौर की कोई मूवी देखने जाएं! चिल डोनाल्ड चिल!.''
अमेरिकियों को सता रहा दंगों का डर सच में बदला...
वॉशिंगटन पोस्ट की खबर में जताए गए एक अनुमान के अनुसार हाल ही में अमेरिका में एक करोड़ लोगों को ऑटोमेटेड कॉल किए गए हैं जिसमें उनसे कहा गया है कि वो "घर पर रहें और सुरक्षित रहें.’
अमेरिका में कई जगहों पर ट्रंप समर्थक सड़कों पर उतर आए हैं. जिन्हें काबू करने के लिए भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात की गई है. इसके कारण दंगे के हालात बन गए हैं. पुलिस ने कई लोगों को हथियारों के साथ गिरफ्तार भी किया है. चुनाव नतीजों को लेकर पोर्टलैंड में दंगा भड़कने की खबर देखने को मिली.
इस मामले में पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है इसके साथ हथौड़ा, राइफल और पटाखे आदि बरामद किए हैं. ओरेगन के गवर्नर ने दंगाईयों को रोकने के लिए नेशनल गार्ड के जवान तैनात करने का आदेश दिया है. इसके अलावा मिनियापोलिस, फिनिक्स और न्यू यॉर्क में प्रदर्शन हुए हैं.