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बाइडेन प्रशासन ने अमेरिकी कोर्ट से पाकिस्तानी मूल के कनाडाई बिजनेसमैन तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के लिए भारत के अनुरोध को प्रमाणित करने का आग्रह किया है. पाकिस्तानी मूल का कनाडाई बिजनेसमैन राणा 2008 मुंबई आतंकी हमले का आरोपी है.
असिस्टेंट अटॉर्नी जॉन जे लुलजियन ने लॉस एंजिलिस की एक फेडरल कोर्ट में कहा कि राणा मुंबई आतंकी हमले में ट्रायल के लिए भारत को प्रत्यर्पित किए जाने के सभी मानदंडों को पूरा करता है. 4 फरवरी को, राणा के वकील ने उसके प्रत्यर्पण का विरोध किया था. कोर्ट ने प्रत्यर्पण की सुनवाई के लिए अगली तारीख 22 अप्रैल की तय की है.
लुलजियन ने कोर्ट में कहा कि भगोड़े तहव्वुर हुसैन राणा भारत में 26/11 आतंकी हमलों में उसकी भूमिका के लिए मुकदमे के लिए वॉन्टेड है. इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी, 239 लोग घायल हो गए थे, और 1.5 बिलियन अमरिकी डालर से ज्यादा की संपत्ति का नुकसान हुआ था. अटॉर्नी ने कोर्ट में कहा कि इस मामले में प्रत्यपर्ण के सभी मानदंड पूरे हो रहे हैं.
4 फरवरी को राणा के वकील ने तर्क दिया था कि संधि के आर्टिकल 6 के तहत प्रत्यर्पण पर रोक है, क्योंकि जिन आरोपों के लिए प्रत्यर्पण की मांग की जा रही है, उसमें उसे पहले बरी किया जा चुका है.
डेविड कोलमैन हेडली का बचपन का दोस्त, राणा को भारत के प्रत्यर्पण अनुरोध को लेकर 10 जून को लॉस एंजिलिस से फिर गिरफ्तार किया था.
2011 में NIA ने डेविड कोलमैन हेडली, हाफिज सईद और राणा समेत 9 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. सभी पर साजिश रचने और हमला करने का आरोप था, जिसमें 6 अमेरिकियों समेत 166 लोगों की मौत हो गई थी. उसे भारत द्वारा भगोड़ा घोषित किया गया है.
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