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अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेन्टेटिव्स में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ईरान से संबंधित सैन्य कार्रवाई को सीमित करने के लिए एक रिजॉल्यूशन पर वोटिंग होगी. हाउस की स्पीकर नेंसी पेलोसी ने इस बात की जानकारी दी है.
बता दें कि हाउस ऑफ रिप्रजेन्टेटिव्स में डेमोक्रेट्स का बहुमत है, ऐसे में यहां इस रिजॉल्यूशन की राह आसान दिख रही है. मगर संसद के ऊपरी सदन सीनेट में ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है, इसीलिए वहां इसके पास होने की संभावना कम है.
इसके आगे उन्होंने बताया कि सांसद एलिसा स्लॉटकिन की अगुवाई में यह रिजॉल्यूशन रुल्स कमेटी के पास जाकर सदन में आएगा. द वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, हाउस ऑफ रिप्रजेन्टेटिव्स 9 जनवरी को इस रिजॉल्यूशन पर वोटिंग करेगा.
बता दें कि ट्रंप ने 8 जनवरी को कहा था, ‘‘ बहुत लंबे वक्त से, सटीक रूप से बोलें तो 1979 से, पश्चिम एशिया और अन्य जगहों के देश ईरान के विशानकारी और अस्थिर करने वाले व्यवहार को सहन कर रहे हैं. वे दिन बीत चुके हैं.’’
ट्रंप का यह बयान ईरान द्वारा इराक में कम से कम उन दो अड्डों पर एक दर्जन से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागने के कुछ घंटे बाद आया, जहां अमेरिका और गठबंधन बलों के सैनिक तैनात थे.
ट्रंप ने व्हाइट हाउस ग्रैंड फोयर से राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा, ‘‘हमारा कोई भी सैनिक हताहत नहीं हुआ है. हमारे सभी सैनिक सुरक्षित हैं और हमारे सैन्य अड्डों को बहुत थोड़ा नुकसान हुआ है.’’ अमेरिकी राष्ट्रपति ने संकल्प जताया कि वह ईरान को कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि उनका प्रशासन ईरान पर तत्काल अतिरिक्त आर्थिक प्रतिबंध लगाएगा. ट्रंप ने कहा, ‘‘ये कड़े प्रतिबंध तब तक रहेंगे जब तक ईरान अपने व्यवहार में बदलाव नहीं लाता.’’
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