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अमेरिका के लोगों ने इस साल के मध्यावधि चुनाव के लिए मतदान कर दिया, जिसके रिजल्ट से तस्वीर काफी हद साफ होने लगी है. डेमोक्रेटिक पार्टी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव पर अपना कब्जा जमा चुकी है. इसे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए करारा झटका माना जा रहा है. हालांकि उनकी रिपब्लिकन पार्टी का सीनेट पर कंट्रोल बरकरार रह सकता है.
इन परिणामों से ऐसा माना जा रहा है कि 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में दोनों प्रमुख पार्टियों के बीच राजनीतिक कड़वाहट बढ़ेगी और इनके बीच कड़ा मुकाबला होगा.
डेमोक्रेटिक पार्टी ने सत्ता में रिपब्लिकन पार्टी का एकाधिकार तोड़ दिया और उसे निचले सदन में 24 से अधिक सीटों का फायदा हुआ है. उसने पिछले 8 बरस में पहली बार 435 सदस्यीय सदन में बहुमत हासिल किया.
अमेरिका में वोटिंग का दौर अब भी जारी है, लेकिन डोनाल्ड ट्रंप ने लोगों को बधाई देने में देर नहीं लगाई.
इन इस तरह के रिजल्ट से वाशिंगटन में शक्ति संतुलन बदल जाने की उम्मीद की जा रही है. साल 2016 में हुए चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी का कांग्रेस के दोनों सदनों में बहुमत था, लेकिन अब मध्यावधि चुनाव के रिजल्ट से राष्ट्रपति ट्रंप को को शासन चलाने में दिक्कत हो सकती है.
इन नतीजों से ही ये तय होगा कि डोनाल्ड ट्रंप बाकी बचे 2 साल किस तरह के फैसले लेते हैं.
ये नतीजे इस मायने में भी बेहद खास हैं कि पहली बार डेमोक्रेट महिलाओं ने अच्छी-खासी तादाद में जीत हासिल कर सदन में अपनी सीट पक्की की है. चुनाव में पहली बार दो मुस्लिम महिलाओं ने जीत हासिल की है. मिनेसोटा से 36 साल की इल्हान उमर चुनी गई हैं. 42 साल की राशिदा तालिब को मिशिगन के वोटरों ने अपना प्रतिनिधि चुना है.
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