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ट्रंप-किम की बैठक: अमेरिकी जासूस होटल में क्या तलाश रहे हैं?

कमरे के अंदर क्यों है टेंट लगाने की तैयारी

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ट्रंप और किम की सिंगापुर में ऐतिहासिक बैठक
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ट्रंप और किम की सिंगापुर में ऐतिहासिक बैठक
(फोटो: फेसबुक)

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ट्रंप और किम की सिंगापुर में ऐतिहासिक बैठक में चीन बैक डोर एंट्री करने की कोशिश में जुटा है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, चीन ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और उत्तर कोरियाई राष्ट्रपति किम जोंग उन की बैठक की पल-पल की जानकारी के लिए सिंगापुर के चप्पे चप्पे में अपने जासूस बिठा रखे हैं.

ट्रंप-किम की बैठक सिंगापुर के सेंटोसा आईलैंड में स्थित केपाला होटल में हो रही है. अमेरिकी जासूस इस होटल की चाबियों से लेकर रूम कार्ड और पेपर पिन तक, एक-एक चीज की जांच कर रहे हैं.

चीन ने होटल 'बग' किया?

अमेरिकी जासूसों को शक है कि चीनी जासूसी एजेंसियों ने पूरी तरह होटल में जासूसी उपकरण लगा रखे हैं. अमेरिका के एनबीसी न्यूज के मुताबिक डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन की मंगलवार 12 जून की बैठक शुरू होने से पहले अमेरिकी एजेंसियां सारे जासूसी उपकरण को हटा देना चाहती हैं.

सिंगापुर के सेंटोसा आईलैंड का केपेला होटल जिसमें होगी ट्रंप-किस की बैठक(फोटो: रॉयटर्स)

अमेरिकी अधिकारियों को चीन से क्यों है डर

अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि चीन ने सिंगापुर के बहुत से होटल, रेस्टोरेंट, बार के वेटर और दूसरे कर्मचारियों को सूचना जुटाने के काम में लगा दिया है. उनके मुताबिक, इस बात का डर है कि चीनी जासूसी एजेंसियों ने होटल के ज्यादातर कमरों, रूम कार्ड, चाबियों में, टेबल में इलेट्रॉनिक जासूसी उपकरण लगाए हैं.

अमेरिकी अधिकारी फैसला कर सकते हैं कि कमरे के अंदर ही टेंट खड़ा किया जाए, ताकि बैठक में गोपनीय दस्तावेजों को कमरों में छिपे कैमरों की नजरों से बचाया जा सके. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, चीन की खुफिया एजेंसियों के पास इतने ताकतवर उपकरण हैं कि वो स्विच ऑफ मोबाइल को भी हैक कर सकती हैं. अमेरिकी अधिकारियों से कहा गया है कि वो ज्यादातर वक्त मोबाइल की बैटरी निकालकर रखें.

तमाम एहतियात के बावजूद अमेरिकी अधिकारियों को संदेह है कि चीन ने क्रेडिट कार्ड, की-कार्ड, ज्वैलरी वगैरह में ट्रैकिंग और ऑडियो उपकरण लगा दिए हैं, ताकि हर अमेरिकी गतिविधि पर नजर रखी जा सके.

अमेरिकी खुफिया एजेंसियां किसी भी किस्म का जोखिम नहीं लेना चाहतीं. अधिकारी चाहते हैं कि बैठक के बारे में उतनी ही जानकारी सामने आए, जितनी अमेरिकी विदेश विभाग देना चाहता है, इसलिए होटल को खंगाला जा रहा है, ताकि चीन तक ज्यादा जानकारी न पहुंच सके.

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Published: 11 Jun 2018,06:05 PM IST

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