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हाल ही में अमेरिकी चुनावों में जीत हासिल करने वाले जो बाइडेन ने अपनी कैबिनेट से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं. 23 नवंबर को बाइडेन ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति टीम में कई प्रमुख पदों की घोषणा की, जिसमें सेक्रेटरी ऑफ स्टेट, होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी, डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस, संयुक्त राष्ट्र राजदूत, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और जलवायु से संबंधित विशेष राष्ट्रपति प्रतिनिधि शामिल हैं.
ब्लिंकेन ने ओबामा प्रशासन के दौरान डिप्टी सेक्रेटरी ऑफ स्टेट, राष्ट्रपति के सहायक और प्रमुख डिप्टी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के तौर पर काम किया है.
उन्होंने क्लिंटन प्रशासन के समय में व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद स्टाफ के सदस्य के रूप में भी काम किया है. यही नहीं, वो क्लिंटन के विदेश नीति के मुख्य स्पीच राइटर थे.
ब्लिंकेन ने हाल ही में ये कहा कि बाइडेन भारत और अमेरिका को ‘प्राकृतिक सहयोगियों’ के रूप में देखते हैं. उन्होंने आगे ये भी कहा कि बाइडेन प्रशासन भारत के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैसे अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों में अग्रणी भूमिका निभाने की वकालत करेगा. ब्लिंकन ने ये भी कहा कि क्षेत्र में चीन के बढ़ते कदम भारत और अमेरिका के लिए साझा चुनौती हैं.
होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट (डीएचएस) के सेक्रेटरी के रूप में मेयरकैस का नामांकन ऐतिहासिक घटना है. अगर इसकी पुष्टि की जाती है, तो मेयरकैस इस डिपार्टमेंट का नेतृत्व करने वाला पहले लैटिनो और पहले अप्रवासी व्यक्ति होंगे.
वो पहले बराक ओबामा के कार्यकाल में डीएचएस के उप-सचिव थे और वर्तमान में विवादास्पद DACA कार्यक्रम के रचनाकारों में से एक हैं.
23 नवंबर को मेयरकैस ने ट्वीट किया, “जब मैं छोटा था, US ने मेरे परिवार और मुझे शरणार्थी के रूप में जगह दी. अब मुझे डीएचएस के सचिव के रूप में नामित किया गया है और साथ ही मेरा यह काम होगा कि मैं सभी अमेरिकियों और उन लोगों की सुरक्षा की देखरेख करूं, जो अपने और अपने प्रियजनों के लिए बेहतर जीवन की तलाश में कष्ट के मारे इधर-उधर भटकते हैं.”
अगर पुष्टि होती है तो नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर पद संभालने वालीं एव्रिल हेंस पहली महिला होंगी.
ओबामा प्रशासन के दौरान हेंस ने 2015-2017 तक राष्ट्रपति और मुख्य डिप्टी-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के सहायक के तौर पर काम किया था. 2013-2015 से वो सीआईए के डिप्टी डायरेक्टर पद पर थीं. वो इन दोनों पदों को संभालने वाली पहली महिला हैं.
पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान थॉमस-ग्रीनफील्ड ने लाइबेरिया में अमेरिकी राजदूत और अफ्रीकी मामलों के असिस्टेंट सेक्रेटरी ऑफ स्टेट के रूप में काम किया था.
दशकों का अनुभव वाली लिंडा एक विदेश सेवा अधिकारी भी रहीं, जिन्होंने रीगन प्रशासन के लिए काम किया और विदेश सेवा की डायरेक्टर जनरल रहीं.
लिंडा ने ट्वीट किया, “मेरी मां ने मुझे दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए दया और करुणा की शक्ति के साथ नेतृत्व करना सिखाया. मैंने विदेश सेवा में अपने करियर के दौरान इस सीख का अनुसरण किया है. और अगर पुष्टि हो जाती है तो मैं यूनाइटेड नेशंस में राजदूत के तौर पर उसी तरह से अपनी भूमिका निभाना पसंद करूंगी.”
ऐसा पहली बार है कि जब अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में जलवायु परिवर्तन के लिए एक अधिकारी नामित होगा. ये बाइडेन की इस धारणा को दिखाता है कि जलवायु परिवर्तन एक राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है.
जलवायु परिवर्तन से संबंधित पेरिस समझौते पर बातचीत करने में पूर्व विदेश मंत्री जॉन केरी ने अहम भूमिका निभाई थी.
मौजूदा समय में निर्वाचित राष्ट्रपति के लिए एक पॉलिसी एडवाइजर के तौर पर काम कर रहे सलीवन ने ओबामा कार्यकाल के दौरान ततकालीन उपराष्ट्रपति जो बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में काम किया था.
सलीवन ने ईरान परमाणु समझौते पर में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
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