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बाइडेन ने कहा-भारत के पास होनी चाहिए UNSC की स्थायी सदस्यता: विदेश सचिव

भारत फिलहाल सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है, यह कार्यकाल दो साल का रहेगा.

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<div class="paragraphs"><p>अ<ins>मेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से मिलने व्हाइट हाउस पहुंचे पीएम मोदी</ins></p></div>
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मेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन से मिलने व्हाइट हाउस पहुंचे पीएम मोदी

(फोटो- ट्विटर/PMO)

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भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रंगला ने UNSC में भारत की स्थायी सदस्यता को अमेरिकी समर्थन को लेकर बड़ी बात कही है. श्रंगला ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) को लगता है कि भारत को सुरक्षा परिषद (Indian In UNSC) में स्थायी सदस्यता मिलनी चाहिए.

शुक्रवार को प्रधानमंत्री की जो बाइडेन से मुलाकात के बाद श्रंगला ने कहा, "सुरक्षा परिषद में हमारी अध्यक्षता की तारीफ की गई, खासकर अफगानिस्तान के मुद्दे पर. प्रेसिडेंट जो बाइडेन ने स्पष्ट कहा कि उन्हें लगता है कि भारत के पास यूएनएससी में स्थायी सदस्यता होनी चाहिए."

बता दें भारत अब तक सात बार यूएनएससी में गैर-स्थायी सदस्य देश के तौर पर चुना जा चुका है. ऐसा 1950-51, 1967-68, 1972-73, 1977-78, 1984-85, 1991-92 में हुआ है. भारत सातवीं बार मौजूदा कार्यकाल में परिषद का सदस्य बना है.

यूएनएससी में कुल 15 सदस्य देश होते हैं, जिनमें 5 स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं. 193 सदस्यों वाली महासभा हर साल इन 10 अस्थायी देशों को चुनने के लिए चुनाव करती है. अस्थायी देशों का कार्यकाल दो साल का होता है. फिलहाल स्थायी सदस्यता अमेरिका, चीन, रूस, ब्रिटेन और फ्रांस के पास है.

गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद- पीएम मोदी

बैठक के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति बाइडेन से कहा कि "मेरे और मेरे प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं. 2014 और 2016 में आपसे विस्तार से चर्चा करने का अवसर मिला था, और उस समय आपने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों के लिए विजन रखा था. आज आप भारत-अमेरिका संबंधों के अपने विजन को लागू करने के लिए पहल कर रहे हैं उसका मै स्वागत करता हूं"

"मैं देख रहा हूं कि आपके नेतृत्व में भारत-अमेरिका संबंधों के विस्तार के लिए प्रयास किये गए हैं...आज का द्विपक्षीय बैठक महत्वपूर्ण है. हम इस सदी के तीसरे दशक की शुरुआत में मिल रहे हैं. आपका नेतृत्व निश्चित रूप से इस दशक को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. भारत और अमेरिका के बीच और भी मजबूत दोस्ती के लिए बीज बोए गए हैं"
पीएम मोदी

पीएम मोदी ने आगे कहा कि "महात्मा गांधी ट्रस्टीशिप की बात करते थें. यह दशक उसके लिए भी महत्वपूर्ण है. महात्मा गांधी इस बात की वकालत करते थें कि इस प्लेनेट के हम ट्रस्टी हैं और आने वाली पीढ़ियों को हमे यह सौपना है. यही ट्रस्टीशिप दोनों देशों के बीच जरुरी है."

बैठक के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि "मुझे लंबे समय से विश्वास है कि अमेरिका-भारत संबंध हमें कई वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में मदद कर सकते हैं. वास्तव में 2006 में जब मैं उपराष्ट्रपति था, मैंने कहा था कि 2020 तक भारत और अमेरिका दुनिया के सबसे करीबी देशों में होंगे."

राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और अमेरिका के बीच संबंध मजबूत, करीब और मजबूत होना तय है. बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा, "चार मिलियन भारतीय-अमेरिकी हर दिन अमेरिका को मजबूत बनातेप हैं."

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Published: 25 Sep 2021,07:34 AM IST

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