advertisement
दुनिया भर में लोकतंत्र को खतरा है और चीन से अमेरिका के रिश्ते इस सदी के लिए एक परीक्षा के समान हैं. ये कहा है अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने. ब्लिंकेन ने अपने पहले अहम भाषण में बाइडेन प्रशासन और अमेरिका की विदेश नीति की रूपरेखा सामने रखी. उन्होंने इस विदेश नीति को आठ प्वाइंट में समझाया.
दुनिया और अमेरिका कोरोना महामारी के जद से बाहर निकले, इसके लिए सारे प्रयास करेंगे. ऐसी महामारी दोबारा न फैले इसके लिए प्रयास करेंगे. महामारी के कारण जिस आर्थिक मंदी के शिकंजे में दुनिया आई है उससे बाहर निकलने और बाकी देशों को बाहर निकालने का प्रयास करेंगे.
मुक्त व्यापार करार करेंगे लेकिन अमेरिकियों की नौकरी की चिंता भी करेंगे
दुनिया में लोकतंत्र खतरे में है. महामारी ने स्थिति को और खराब किया है. इसे बचाने का काम करेंगे. हमारा लोकतंत्र भी खतरे में है. तो सुधारों की शुरुआत घर से करनी होगी. रूस और चीन की टेढ़ी नजर हमारे लोकतंत्र पर रहती है, हम ऐसी कोई गलती न करें कि उन्हें मौका मिले.
हम दूसरे देशों को लोकतांत्रिक मूल्यों पर चलने के लिए राजी करेंगे. दुनिया में नाइंसाफी रोकेंगे. हम सैन्य ताकतों को आगे नहीं बढ़ने देंगे.
अमेरिका में बहुत सारे देशों से लोग आना चाहते हैं. इसकी एक वजह ये है कि उनके देशों में पर्याप्त मौके नहीं है, हम कोशिश करेंगे कि वहां भी उन्हें अवसर मिले. लेकिन अमेरिका आने वाले लोगों के साथ भी नाइंसाफी नहीं होगी.
जलवायु संकट की दिशा में काम करेंगे. हम 15% कार्बन उत्सर्जन करते हैं लेकिन बाकी 85% बाकी देश पैदा कर रहे हैं. तो हम सबको मिलकर काम करना होगा
हम मित्र देशों के साथ मिलकर टेक्नोलॉजी को कल्याणकारी बनाने का काम करेंगे. लोगों की प्राइवेसी खतरे में है, इसकी रक्षा करेंगे
चीन और अमेरिका के रिश्ते इस सदी की सबसे बड़ी परीक्षा हैं. चीन की आर्थिक, सामरिक और कूटनीतिक ताकत ऐसी है कि इससे विश्व व्यवस्था को चुनौती मिल रही है. हम चीन का सामना मजबूती से करेंगे.
ब्लिंकेन ने अपने भाषण में चीन का कई बार नाम लिया. उनके भाषण में नॉर्थ कोरिया, रूस, इथोपिया और केन्या का भी जिक्र आया. उन्होंने खास तौर से कमजोर होते लोकतांत्रिक देशों, मानवाधिकार उल्लंघन, धार्मिक अल्पसंख्यकों और गैर बराबरी का जिक्र किया. ब्लिंकेन ने अपने भाषण में फ्रीडम हाउस की रिपोर्ट 'डेमोक्रेसी अंडर सीज' का जिक्र किया. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी शासन में भारतीयों की आजादी कम हुई है. इस रिपोर्ट पर क्विंट की खबर आप नीचे दिए गए लिंक को क्लिक कर पढ़ सकते हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)