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2 फरवरी को अमेरिकी सेना ने सीरिया और इराक (Iraq) में ईरानी (Iran) सेना और इसके द्वारा समर्थित संगठनों पर हवाई हमले किए. इस हमले में करीब 18 आतंकी के मारने का दावा है. बता दें, यह हमला जॉर्डन में एक अमेरिकी अड्डे पर हुए ड्रोन हमले की प्रतिक्रिया थी. इस हमले में अमेरिका के 3 सैनिकों की मौत हो गई थी.
USA ने ड्रोन हमले के लिए ईरान समर्थित संगठनों को दोषी ठहराया.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बयान में कहा...
यूएस सेंट्रल कमांड (CENTCOM) ) ने एक बयान में कहा, हमलों में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) कुद्स फोर्स के साथ-साथ जुड़े आतंकवादी संगठनों को निशाना बनाया गया. अमेरिकी सेना ने 85 से अधिक ठिकानों को निशाना बनाया.
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने पत्रकारों को बताया कि हमले लगभग 30 मिनट तक चले. हालांकि इसमें बी-1 बॉमबर्स की लंबी यात्रा शामिल थी, जिन्होंने USA से उड़ान भरने के बाद इस हमले में शामिल हुई.
उन्होंने कहा कि रक्षा विभाग अभी भी हमलों से हुए नुकसान का आकलन कर रहा है - जिसने सात अलग-अलग सुविधाओं पर दर्जनों लक्ष्यों को निशाना बनाया. संयुक्त राज्य अमेरिका का मानना है कि स्ट्राइक सफल रही, और स्पष्ट किया कि और भी हमले होंगे.
सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स वॉर मॉनिटर के अनुसार, हमलों में कम से कम 18 ईरान समर्थक लड़ाके मारे गए.
सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के प्रमुख रामी अब्देल रहमान ने कहा कि सीरिया में हथियार डिपो सहित ईरान समर्थक समूहों के आवास वाले कम से कम 26 प्रमुख स्थलों को नष्ट कर दिया गया.
दो इराकी सुरक्षा सूत्रों ने एएफपी को बताया कि सीरियाई सीमा के साथ पश्चिमी इराक में ईरान समर्थक संगठनों से संबंधित एक हथियार गोदाम और एक कमांड सेंटर को भी निशाना बनाया गया, जिसके परिणामस्वरूप कुछ चोटें आईं.
इराक, जिसके प्रधानमंत्री ने बगदाद में पिछले अमेरिकी हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय सैनिकों की वापसी का आह्वान किया था, इस सैन्य कार्रवाई की निंदा करते हुए इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताया.
किर्बी ने कहा कि वाशिंगटन ने "हमलों से पहले इराकी सरकार को सूचित किया था", लेकिन उस जानकारी पर बगदाद की निजी प्रतिक्रिया के बारे में विस्तार से नहीं बताया.
बाइडेन ने जॉर्डन में ड्रोन हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई थी.
पिछले हमलों में दर्जनों अमेरिकी कर्मी घायल हुए थे. जिसकी जिम्मेदारी ईरान से जुड़े सशस्त्र संगठनों ने ली है. ये संगठन गाजा संघर्ष में इजरायल के लिए अमेरिकी समर्थन का विरोध करते है और अमेरिकी सैनिकों को क्षेत्र से बाहर करना चाहते है.
इस बीच, यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने नवंबर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग को निशाना बनाना शुरू कर दिया. जिसके जवाब में अमेरिका और ब्रिटेन भी हवाई हमले किये.
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