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ट्रंप-किम मीटिंग: अगर दोनों भड़क गए, तो बनता काम बिगड़ जाएगा

अगर दोनों में से एक भी नेता नाराज हुआ, तो दूसरे का गुस्सा भड़कना तय है.

अरुण पांडेय
दुनिया
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जब डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग दोनों एक दूसरे से मिलेंगे तो रिकॉर्ड बनाएंगे
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जब डोनाल्ड ट्रंप और किम जोंग दोनों एक दूसरे से मिलेंगे तो रिकॉर्ड बनाएंगे
(फोटो: AP/KCNA/The Quint)

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जब ट्रंप और किम एक-दूसरे के सामने आएंगे, तब उन्हें एक-दूसरे के लिए कही गई बातें जरूर याद आएंगी. उत्तर कोरियाई राष्ट्रपति को 'बौना रॉकेटमैन' कहने वाले ट्रंप को किम ने 'सठियाया मानसिक बीमार बूढ़ा' कहा था.

लेकिन जब दोनों एक-दूसरे से मिलेंगे, तो रिकॉर्ड बनाएंगे कि पहली बार कोई उत्तर कोरियाई राष्ट्रपति और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच मुलाकात होगी.

अमेरिका और उत्तर कोरिया के अलावा रूस, चीन, जापान और दक्षिण कोरिया भी बहुत उत्सुक हैं कि बैठक सफल रहे. ट्रंप और किम जोंग उन की बैठक में क्या-क्या हो सकता है, ये जानना जरूरी है. भारत सीधे इससे भले न जुड़ा हो, पर अच्छी खबर आई, तो भारत के शेयर बाजारों में भी इसका असर दिखेगा.

आइए जानते हैं दुनिया की सबसे बड़ी घटना में कितना अच्छा और कितना बुरा हो सकता है.

उत्तर कोरिया के पास परमाणु हथियारों का जखीरा है, अगर अमेरिका के साथ समझौता हुआ, तो इन हथियारों को नष्ट करने की दिशा में अहम शुरुआत हो सकती है. जानकारों के मुताबिक, दोनों देशों के राजनयिक संयुक्त बयान को लेकर माथापच्ची करने में जुटे हुए हैं. अगर इस पर सहमति बन गई, तो समझिए पहला बड़ा काम हो गया.

बैठक में सबसे अच्छा क्या क्या हो सकता है?

  • ट्रंप के साथ बैठक अच्छी चली, तो किम ऐलान कर सकते हैं कि उत्तर कोरिया पूरी तरह से परमाणु कार्यक्रम छोड़ देगा और दोबारा शुरू नहीं करेगा.
  • एक्सपर्ट के मुताबिक, तुरंत इसकी उम्मीद नहीं है कि उत्तर कोरिया परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह छोड़ देगा फिर भी अगर ऐसा हुआ, तो पूरी दुनिया में परमाणु हथियारों का बड़ा खतरा टल जाएगा, जो कि अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी बहुत बड़ा कदम होगा.
  • किम को भरोसा दिलाना मुश्किल होगा कि अमेरिका और उसके सहयोगी देश हर समझौते का पालन करेंगे. ट्रंप ने जिस तरह से ईरान डील से नाता तोड़ने का ऐलान किया है, वो एक बड़ा उदाहरण सामने है.
  • ट्रंप ने खुद भी इस बैठक से ज्यादा उम्मीदें नहीं पाली हैं. उनके मुताबिक 12 जून को किसी बड़े समझौते में दस्तखत के आसार नहीं हैं, पर एक प्रक्रिया की शुरुआत भी बड़ा कदम होगी.
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बैठक में बुरा क्या हो सकता है?

ट्रंप का पुराना रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं है. खास तौर पर ईरान के साथ डील तोड़ना या कूटनीतिक मामलों में भी ट्वीट करके अपने तल्खी दिखाकर उन्होंने मूडी राष्ट्रपति की इमेज बना ली है. अगर सिंगापुर में ऐसा कुछ हुआ, तो उत्तर कोरिया के साथ बातचीत सफल होने के बजाए गड़बड़ा भी सकती है.

दोनों नेता मूडी हैं, कुछ उटपटांग कहकर मामला बिगाड़ भी सकते हैं. पिछले साल ट्रंप ने किम को बौना रॉकेट मैन कहा था. बदले में किम ने ट्रंप को मानसिक तौर पर बीमार आदमी बताते हुए कहा था कि वो सठिया गए हैं.

कुछ जानकारों को तो ये भी फिक्र है कि ट्रंप कहीं बैठक के दौरान ऐसा कुछ न कह दें, जिससे किम भी उखड़ जाएं और बनती बात बिगड़ जाए. जानकारों के मुताबिक, अगर दोनों में से एक भी नेता नाराज हुआ, तो दूसरे को गुस्सा आना तय है. इसके बाद दोनों नेता एक-दूसरे को धमकाने में पीछे नहीं हटेंगे.

लेकिन जानकारों के मुताबिक, इन सबसे अलग ये भी हो सकता है कि कुछ खास न हो, पर अगली बैठक की बुनियाद रख दी जाए. यही सबसे व्यवहारिक तरीका भी होगा.

ये भी पढ़ें- ट्रंप-किम की बैठक: अमेरिकी जासूस होटल में क्या तलाश रहे हैं?

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