‘I Have a Dream’ वो भाषण जिसे दुनिया 55 साल बाद भी सुन रही है

महात्मा गांधी से प्रेरित थे अमेरिका के महान सिविल राइट्स नेता 

दीपक के मंडल
दुनिया
Updated:
मार्टिन लूथर किंग जूनियर अमेरिका में एक जनसभा से पहले लोगों का अभिवादन करते हुए 
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मार्टिन लूथर किंग जूनियर अमेरिका में एक जनसभा से पहले लोगों का अभिवादन करते हुए 
फोटो : फेसबुक 

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ये विश्वास करना कठिन है कि दुनिया का सबसे ताकतवर और धनी देश अमेरिका महज 55 साल पहले गोरे और काले लोगों के बीच खड़ी नफरत की दीवार को तोड़ने के लिए संघर्ष कर रहा था. अश्वतों की गुलामी खत्म करने के लिए छिड़े सिविल वॉर के बावजूद कालों को समान नागरिक अधिकार हासिल करने के लिए खून बहाना पड़ रहा था. काले लोगों की मुक्ति की इस लड़ाई को आवाज दे रहे थे मार्टिन लूथर किंग जूनियर.

1963 में अफ्रीकी अमेरिकी समुदाय के हकों की मांग को लेकर वाशिंगटन सिविल राइट्स मार्च किया गया. इस मार्च के दौरान 28 अगस्त 1963 ने मार्टिन लूथर किंग ने उन अब्राहम लिंकन मेमोरियल की सीढ़ियों पर खड़े होकर एक भाषण दिया था, जिन्होंने देश में गुलामी प्रथा खत्म की थी. इस महान भाषण को ‘I Have a Dream’ भाषण के नाम से जाना जाता है. यह अमेरिकी सिविल राइट्स आंदोलन का सुनहरा अध्याय है. इस भाषण और मार्च के चलते किंग उस साल टाइम्स पर्सन ऑफ द इयर बने. 1964 में वो सबसे छोटी उम्र में नोबेल प्राइज़ जीतने वाले नेता बने. मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने महात्मा गांधी से प्रेरित होकर सिविल राइट आंदोलन छेड़ा था.

किंग का ये भाषण बाद में द वॉशिंगटन पोस्ट में छपा था. यहां पेश है उस ऐतिहासिक भाषण के कुछ शानदार अंश. ये शब्द आज भी अपने अधिकारों के लिए लड़ने वालों के लिए प्रेरणा बने हुए हैं.

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Published: 27 Aug 2018,10:41 PM IST

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