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डोनाल्ड ट्रंप कोरोना वायरस से ठीक होकर चुनावी कैंपेन में जुट गए हैं. वायरस ने उनका पीछा छोड़ दिया है लेकिन ट्रंप चुनाव इतने नजदीक होते हुए वायरस को नहीं छोड़ रहे हैं. ट्रंप ने कभी महामारी को गंभीरता से नहीं लिया है और उनके इससे संबंधित अजीबोगरीब बयानों और सुझावों के डैमेज कंट्रोल का जिम्मा डॉ एंथनी फाउची पर रहा है. लेकिन ट्रंप और फाउची की महामारी को हैंडल करने के तरीके को लेकर हमेशा अलग ही राय रही है. और अब ट्रंप ने US के इस सबसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों में से एक को 'डिजास्टर' और 'मूर्ख' कह दिया है.
तो अब सवाल ये है कि अमेरिका की कोरोना वायरस टास्क फोर्स के अहम सदस्य डॉ एंथनी फाउची कौन हैं और ट्रंप उन पर क्यों हमलावर हैं?
डॉ एंथनी फाउची की सबसे बड़ी उपलब्धि है नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज (NIAID) को 36 सालों से प्रभावी रूप से चलाना. 1984 से वो इस इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर हैं. डॉ फाउची को अमेरिका में संक्रामक बीमारियों का सबसे बड़ा एक्सपर्ट माना जाता है.
डॉ फाउची ने ये समझने में अहम योगदान दिया है कि HIV शरीर के डिफेंस को कैसे खत्म करता है और शरीर खतरनाक संक्रमण के लिए कमजोर हो जाता है. इसके अलावा उन्होंने ऐसे इलाज डेवलप करने में महत्वपूर्ण भूमिक निभाई है, जो HIV संक्रमित लोगों की जिंदगी लंबी कर सकते हैं.
डॉ एंथनी फाउची ने छह अमेरिकी राष्ट्रपतियों के साथ काम किया है. रोनाल्ड रीगन से लेकर डोनाल्ड ट्रंप तक, फाउची ने प्रशासन के साथ मिलकर स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर काम किया है. लेकिन सरकार के करीब रहते हुए भी वो अराजनैतिक ही रहे. जानकर कहते हैं कि फाउची ने कभी अपने 'ह्यूमन टच' को नहीं छोड़ा और शायद यही वजह है कि वो अपनी बात इस तरह रखते हैं कि लोग समझते हैं और कनेक्ट करते हैं.
सभी राष्ट्रपतियों ने स्वास्थ्य मुद्दों पर डॉ फाउची को ही हमेशा जनता के सामने बात रखने के लिए आगे किया. और फाउची ने भी न उसे बढ़ा-चढ़ाकर और न ही कम करके लोगों को समझाया. जब ट्रंप कोरोना वायरस को मजाक में ले रहे थे और इसके लिए चीन से लेकर यूरोपीय देशों को जिम्मेदार ठहरा रहे थे, तो डॉ फाउची ही थे जिन्होंने कह दिया था कि ये महामारी अमेरिका में बहुत खराब स्थिति में पहुंच जाएगी और साथ ही उन्होंने सरकार की भी आलोचना की थी.
पत्रकार माइकल स्पेक्टर ने न्यू यॉर्कर मैगजीन के लिए डॉ फाउची पर एक लेख लिखा था. इसमें स्पेक्टर ने लिखा कि डॉ फाउची ने उन्हें अपने अराजनैतिक रहने का मंत्र बताया था- It’s nothing personal, it’s strictly business. ये मंत्र उन्हें 'द गॉडफादर' किताब से मिला था.
79 साल के डॉ फाउची संक्रमण की चपेट में जल्दी आने वाले लोगों के 'ऐज ग्रुप' में हैं, लेकिन वो फिर भी दिन रात इस महामारी से लड़ने के लिए फ्रंटलाइन पर काम कर रहे हैं. वो व्हाइट हाउस की कोरोना वायरस टास्क फोर्स का अहम हिस्सा हैं. हालांकि, वो ट्रंप के गलत दावों और सुझावों पर कभी नरम नहीं रहे और हमेशा इन्हें खारिज किया है. चाहें ट्रंप का हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को 'गेम चेंजर' बताना हो या देश को लॉकडाउन से आजादी देने की जल्दी, फाउची ने हर मामले में ट्रंप को आइना दिखाया है.
ट्रंप कोरोना वायरस की तुलना अभी भी सीजनल फ्लू से कर देते हैं. वो अभी भी महामारी को कमतर आंकते हैं. लेकिन डॉ फाउची ने हमेशा से सावधानी बरतने की वकालत की है. फाउची के इसी रवैये का ट्रंप मजाक उड़ाते हैं, लेकिन उन्हें डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन दोनों नेताओं से सम्मान मिलता है.
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