Home News World कौन है ये मौलाना, जिसने उड़ा दी है पाक PM इमरान की रातों की नींद
कौन है ये मौलाना, जिसने उड़ा दी है पाक PM इमरान की रातों की नींद
इस्लामाबाद में प्रभावशाली मौलाना के नेतृत्व में जुटे प्रदर्शनकारी, इमरान खान के इस्तीफे की मांग
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जमीयत उलेमा-इस्लाम के अध्यक्ष फजल उर रहमान
(फोटोः IANS)
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पाकिस्तान के एक मौलाना ने इमरान खान सरकार की बेचैनी बढ़ा दी है. मौलाना फज़ल-उर-रहमान की अगुवाई में हजारों समर्थक इमरान खान के इस्तीफे की मांग को लेकर पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में मार्च कर रहे हैं.
मौलाना का दावा है कि इमरान खान ने पिछला चुनाव नहीं जीता था, बल्कि ताकतवर फौज ने प्रधानमंत्री पद के लिए उनका ‘चयन’ किया था. मौलाना का कहना है कि इमरान खान सरकार को सत्ता से बाहर करने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. रहमान का कहना है कि पाकिस्तान को वापस लोकतांत्रिक राह पर लौटाने के लिए इसके अलावा कोई और रास्ता नहीं है.
कौन हैं मौलाना फज़ल-उर-रहमान?
फज़ल उर रहमान पाकिस्तान की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टियों में शुमार जमीयत उलेमा-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के अध्यक्ष हैं
जेयूआई-एफ मदरसों में पढ़ने वाले हजारों छात्रों को जुटाने की कुव्वत रखती है और उसका अशांति पैदा करने का इतिहास है.
फज़ल उर रहमान 2018 के चुनाव में इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के उम्मीदवार से हार गए थे.
इमरान खान 2018 से भ्रष्टाचार रोधी एजेंडा चला रहे हैं. उन्होंने डीजल का लाइसेंस देने में हुए भ्रष्टाचार में रहमान की कथित संलिप्तता को लेकर उन्हें ‘मौलाना डीज़ल’ कहा था.
फजल उर रहमान ने 27 अक्टूबर को अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के साथ दक्षिणी सिंध प्रांत से “आजादी मार्च” की शुरुआत की है.
ये लोग इमरान खान पर 2018 के आम चुनावों में “गड़बड़ी” करने का आरोप लगाते हुए उनसे इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
उन्होंने प्रधानमंत्री पर अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन, अक्षमता और कुप्रशासन का आरोप भी लगाया, जिससे आम आदमी की मुश्किलें बढ़ गईं.
रहमान ने चेतावनी दी है कि अगर इमरान खान प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो देश में “अव्यवस्था” फैलेगी.
मौलाना के ‘आजादी मार्च’ को PML-N और PPP का भी समर्थन
मौलाना ने सुक्कूर, मुल्तान, लाहौर और गुजरांवाला के रास्ते अपना सफर तय किया और शुक्रवार को तड़के इस्लामाबाद पहुंचे. सुरक्षा संस्थाओं के मुताबिक “आजादी मार्च” में हजारों लोग हिस्सा ले रहे हैं.
जमीयत उलेमा ए इस्लाम के प्रमुख मौलाना फजल उर रहमान के साथ पीएमएल-एन अध्यक्ष शाहबाज शरीफ और पीपीपी नेता नैय्यर बुखारी(फोटोः AP)
इस्लामाबाद में यह आंकड़ा और बढ़ गया क्योंकि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) समेत विपक्षी दलों के समर्थक भी सरकार विरोधी इस प्रदर्शन में शामिल हो गए.
यह प्रदर्शनकारी पेशावर मोड के निकट एक विशाल मैदान में रुके हुए हैं जहां विभिन्न राजनीतिक दलों ने अपने कार्यकर्ताओं को ठहराने के लिये तंबू लगा रखे हैं.
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प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए क्या है सरकार की तैयारी?
पाकिस्तानी अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये हैं.
मुख्य मार्गों को पूरी तरह या आंशिक तौर पर बंद कर दिया गया है.
प्रमुख सरकारी इमारतों और राजनयिक क्षेत्र समेत ‘रेड जोन’ की तरफ प्रदर्शनकारियों को जाने से रोकने के लिये कंटीले तार लगाए गए हैं.
अतिरिक्त पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है.
संवेदनशील जगहों पर सेना के जवानों को भी तैनात किया गया है.