advertisement
फ्रांस और उसके राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ कई मुस्लिम देशों ने गुस्से का इजहार किया है. वजह बनी है मैक्रों की इस्लाम पर टिप्पणी और पैगंबर मोहम्मद के कार्टून का बचाव करने का फैसला. अरब देश ही नहीं, बल्कि तुर्की से लेकर पाकिस्तान तक फ्रांस की आलोचना कर रहे हैं और उस पर 'इस्लामोफोबिया' को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहे हैं. फ्रेंच उत्पादों के बॉयकॉट के लिए सोशल मीडिया पर ट्रेंड चलाए जा रहे हैं और कई मुस्लिम देशों में इस पर अमल भी शुरू हो गया है.
लेकिन इस सबकी शुरुआत कहां से हुई? इमैनुएल मैक्रों ने ऐसा क्या कह दिया था? बारी-बारी से समझते हैं.
फ्रांस में 1905 में एक कानून लाया गया था, जिसने चर्च को राज्य से अलग किया था. मतलब ये है कि धर्म को सरकार से अलग करने के लिए ये कानून लाया गया था.
इमैनुएल मैक्रों ने कहा, "इस्लाम एक ऐसा धर्म है जो आज पूरी दुनिया में संकट में है. ये हम सिर्फ अपने देश में ही नहीं देख रहे."
मैक्रों की 'संकट' वाली टिप्पणी आपत्ति की वजह बनी है. लोगों का कहना है कि मैक्रों का बयान इस्लाम और कट्टर इस्लाम में फर्क नहीं करता है. कुछ लोग मैक्रों के ऐलान को धार्मिक स्वतंत्रता दबाने की कोशिश करार दे रहे हैं.
पश्चिमी यूरोप में मुस्लिमों की सबसे बड़ी जनसंख्या फ्रांस में रहती है. हालांकि, फ्रांस की सरकार पर आरोप लगते आए हैं कि वो सेक्युलरिज्म की आड़ में मुस्लिमों को निशाना बनाती है और इसका उदाहरण हिजाब के बैन से दिया जाता है.
लेकिन फ्रांस और मैक्रों के खिलाफ हालिया गुस्से की वजह पैगंबर मोहम्मद का एक कार्टून बना है.
10 दिन पहले यानी कि 6 अक्टूबर को सैमुएल पैटी ने क्लासरूम में बच्चों को पैगंबर मोहम्मद का एक कार्टून दिखाया था. ये कार्टून शार्ली हेब्दो में छपे कार्टून की कॉपी था. इमैनुएल मैक्रों ने इस हत्या को 'इस्लामिस्ट आतंकी हमला' बताया था और कहा कि 'बच्चों को बोलने की आजादी सिखाने के लिए पैटी की हत्या हुई.'
मुस्लिम देशों में इमैनुएल मैक्रों को लेकर काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है. तुर्की, कतर, जॉर्डन, लीबिया, फलीस्तीन, सीरिया, मोरक्को और लेबनान में प्रदर्शन हो रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कतर, जॉर्डन, लीबिया, कुवैत जैसे देशों में शॉपिंग मॉल्स में फ्रेंच उत्पादों का बॉयकॉट किया जा रहा है. कई इस्लामिक देशों में ट्रेडर और बिजनेस यूनियन से भी फ्रांस को भी गंभीर बॉयकॉट का खतरा है.
सोशल मीडिया पर #boycottfrenchproducts जैसे ट्रेंड चल रहे हैं. हालांकि, इससे उलट #IStandWithFrance जैसे ट्रेंड भी नजर आ रहे हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)