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विकीलीक्स फाउंडर जूलियन असांजे को ब्रिटिश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. 47 साल ऑस्ट्रेलियाई नागरिक असांजे ने 2012 से लंदन स्थित इक्वाडोर के दूतावास में शरण ले रखी थी. उन्हें डर था कि अगर वो इमारत से बाहर निकले तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा जिससे उन्हें अमेरिका भेजने का रास्ता खुल सकता है.
ब्रिटिश पुलिस के मुताबिक इक्वाडोर की सरकार ने असांज को दी गई शरण हटा ली थी. इसके बाद दूतावास में इक्वाडोर के राजदूत ने उन्हें बुलाया और वहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. असांज ने यौन उत्पीड़न के मामले में स्वीडन भेजे जाने से बचने के लिए इक्वाडोर के दूतावास में शरण ली थी.
हालांकि अब यह यह मामला वापस ले लिया गय है पर असांज ने ऐसी आशंका जाहिर की थी कि उसे अमेरिका में विभिन्न गोपनीय सूचनाओं के खुलासे को लेकर वहां भेजा जा सकता है. वहां फेडरल जांच एजेंसी विकिलीक्स की जांच कर रही है.
इक्वाडोर के राष्ट्रपति का कहना है कि असांज की ओर से लगातार अंतराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन के कारण उन्हें दिया गया राजनीतिक शरणार्थी का दर्जा वापस ले लिया गया है. हालांकि विकिलीक्स का आरोप है कि कि इक्वाडोर ने उन्हें दी गई राजनीतिक शरण वापस लेते हुए अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया है. दुनिया भर में असांजे के बड़ी संख्या में समर्थक हैं. इन लोगों का मानना है कि उन्होंने सत्ता के दुरुपयोग को उजागर कर काफी अच्छा काम किया है.वहीं जांच एजेंसियों का मानना है कि इन खुलासों से उन्होंने अमेरिका की सुरक्षा को खतरे में डालने की कोशिश की.
2010 में अपनी वेबसाइट विकीलीक्स के जरिये इराक अफगानिस्तान युद्ध और अमेरिका से जुड़े खुफिया दस्तावेज जारी कर जूलियन असांज दुनिया भर में मशहूर हो गए थे. दुनिया भर के कई देश उनकी गिरफ्तारी चाहते थे. असांजे पर साल 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हिलेरी क्लिंटन और डेमोक्रेटिक पार्टी के कंप्यूटरों से चोरी की गई सामग्री को जारी कर रूसी हस्तक्षेप का समर्थन का भी आरोप है.
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