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27 सिंतबर को विश्व पयर्टन दिवस (World Tourism Day) है. कोरोना महामारी के कारण इस साल के शुरूआती 6-7 महीनों में पर्यटन बुरी तरह प्रभावित हुअ है. अब अनलॉक प्रक्रिया में धीरे-धीरे इस सेक्टर को भी गति मिल रही है. UN WTO यानी संयुक्त राष्ट्र की टूरिज्म एजेंसी वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गनाइजेशन द्वारा इस साल की थीम #Tourism_and_Rural_Development तय की गई है. संयुक्त राष्ट्र ग्रामीण विकास में पर्यटन के योगदान की बात कह रहा है. आइए जानते हैं
भारत में ग्रामीण पर्यटन के क्या आकर्षण हैं
1- कुंबलंगी, देश का पहला मॉडल पर्यटन गांव : केरल के कोच्चि में स्थित छोटा और खूबसूरत गांव कुंबलंगी, भारत का पहला मॉडल पर्यटन गांव है. यहां आप देखेंगे कि किस तरह मछली पकड़ने वाला गांव, पर्यवारणीय पर्यटन में बदल गया है. यहां पर्यटकों को नेचर के साथ-साथ फिशिंग, बोटिंग, केकड़े की खेती और सेल्फ कुकिंग का आनंद मिलता है.
2- चित्रकारी के लिये प्रसिद्ध अमादुबी गांव: झारखंड सरकार ने अमादुबी गांव को पर्यटन ग्राम घोषित कर रखा है. यह गांव प्रतिभाशाली आदिवासी कलाकारों का घर है, जो पारंपरिक पिटकर स्क्रॉल पेंटिंग के लिए प्रसिद्ध हैं. यहां लगभग 54 चित्रकार परिवारों का घर है, जो पत्तों और पेड़ों की छाल से बने स्क्रॉल पर महाकाव्यों, लोककथाओं और ग्राम जीवन के दृश्यों को चित्रित करने में एक्सपर्ट हैं.
3- वीवर विलेज यानि बुनकरों का गांव: पोंचपल्ली हैदराबाद से नजदीक है. पर्यटन गांव के रूप में विकसित यह गांव, रेशम की बुनाई के लिये प्रसिद्ध है. इसे सिल्क सिटी के नाम से भी जाना जाता है. यहां की रेशमी साड़ियां काफी मशहूर हैं. टूरिस्ट्स यहां रेशम के कीड़े को पालना और रेशम बनाने की प्रक्रिया के साथ-साथ स्थानीय मंदिर, धान की खेती और पहाड़ों आदि को भी देखते हैं.
4- बनवासी गांव में पाइनएप्पल की खेती और मधुकेश्वर मंदिर: तीनों तरफ से वारादा नदी से घिरे हुए इस गांव में 9वीं शताब्दी में बना मधुकेश्वर मंदिर है. यह गांव गन्ना, चावल, मसाले और अनानस यानी पाइनएप्पल के लिए प्रसिद्ध है. आप यहां कर्नाटक के सबसे पुराने मंदिर का दर्शन करने के साथ-साथ पाइनएप्पल फैक्ट्री को भी विजिट कर सकते हैं.
5- हनीमून डेस्टीनेशन बन सकता है सिक्किम का लाचेन गांव : सिक्किम का लाचेन एक जनजातीय गांव के साथ-साथ हनीमून डेस्टिनेशन के लिये भी पॉपुलर है. यह लाचुंग नदी के किनारे पर स्थित है. नदी के किनारे बसे होने से इस गांव की खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है. यहां का प्रसिद्ध लचेन मठ आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है.
सफर में रखें ये सावधानी :
6- सबसे स्वच्छ गांव: मेघालय के मावलिननांग गांव को देश का ही नहीं बल्कि एशिया का सबसे साफ गांव कहा जाता है. यह गांव शिलॉन्ग से थोड़ी दूर स्थित खासी हिल्स क्षेत्र में आता है. खासी इलाका अपने साफ पानी के झरनों और नदियों के लिए भी जाना जाता है. यहां पेड़ों की जड़ों से प्राकृतिक पुल बने हुए हैं. ऐसे पुल केवल यहीं पाए जाते हैं.
7- ‘कुछ दिन तो गुजारो गुजरात में’ वाला एड यहीं बना: गुजरात का एक गांव होडका है. Big B यानी अमिताभ बच्चन का पर्यटन के लिए तैयार किया गया विज्ञापन ‘कुछ दिन तो गुजारो गुजरात में' बहुत चर्चित रहा, इसका वीडियो होडका में ही शूट किया था. यहां कच्छ की संस्कृति से सैलानियों को रूबरू करवाने के लिए मिट्टी के गोल घर बनाए गए हैं. इनका रखरखाव यहां के ग्रामीणों के हाथों में है. यहां रहकर आप मिट्टी के शीशे की मीनाकारी वर्क के डेकोरेशन वाले घर में रह सकते हैं.
विलेज टूरिज्म से गांवों का ऐसे हो रहा है विकास :
घर बैठे ऐसे देख सकते हैं 10 हजार से ज्यादा टूरिस्ट डेस्टिनेशन :
कोरोना काल में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें बाहर निकलने में संक्रमण का खतरा है ऐसे सैलानियों के लिये GOOGLE के सहयोग से वर्ल्ड टूरिज्म ऑर्गनाइजेशन 27 सितंबर को वर्चुअल टूर आयोजित कर रहा है. यहां http://g.co/culturaltravel क्लिक करके आप गूगल आर्ट्स एंड कल्चर के पेज पर पहुंच जाएंगे और 10 हजार से ज्यादा डेस्टिनेशन और 2000 से ज्यादा कलेक्शन्स को देख सकते हैं. यहां 360 डिग्री व्यू और एआर व्यू का एक्सपीरियंस आपको मिल सकता है. गूगल सर्च में दुनियाभर की 37 वर्ल्ड कल्चरल हेरिटेज साइट्स एआर तकनीक से लॉन्च की जा रही हैं.
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