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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग दो दिन के भारत दौरे पर आए थे. चेन्नई एयरपोर्ट पर पहुंचते ही जिनपिंग का भव्य स्वागत किया गया. कई तरह के भारतीय पारंपरिक नृत्यों से उनका स्वागत हुआ. इसके अलावा तमिलनाडु के महाबलीपुरम (माम्मलापुरम) में उनके स्वागत के लिए ऐसी ही कई तैयारियां की गईं
इस पूरे ईवेंट के भारत और चीन संबंंधों के लिए क्या मायने हैं. साथ ही साथ वर्तमान में उभर रही परिस्थितियों में ये यात्रा डिप्लोमेटिक रूप से क्या मायने रखती है हमने इसको लेकर पुष्पेष पंत से बातचीत की-
शी जिनपिंग के दौरे को कैसे देखा जाए?
चीनी राष्ट्रपति का भारत दौरा समपन्न होना ही अपने आप में बड़ी बात है. काफी देर तर आशंका थी कि वो आएंगे या नहीं. ऐसे में उनका भारत आना अपने आप में एक उपलब्धि है.
आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद दक्षिण एशिया की राजनीति में क्या बदलाव आएंगे?
हमने चीनियों को ये संदेश दे दिया था कि आर्टिकल 370 को हटाने से सीमा रेखा पर कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है. महाबलिपुरम में मुलाकात करने का ये संकेत था कि उत्तर भारत में ये वार्ता होती तो कश्मीर पर जाता लेकिन वहां पर ये शंका नहीं थी.
ग्लोबल ट्रेड वॉर के बीच भारत-चीन के आर्थिक संबंध कैसे बदलेंगे?
भारत और चीन की अर्थव्यवस्था की कोई तुलना नहीं है. चीन के साथ जो भारत का व्यापार है वो बुरी तरह चीन के पक्ष में असंतुलित है. अमेरिका, रूस और यूरोपीय देश अपनी दिक्कतों से जूझ रहे हैं.
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