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जादवपुर यूनिवर्सिटी के छात्रों ने VC जगदीप धनखड़ को ‘निकाला’

एक ‘‘खुले खत’’ में धनखड़ को ‘पूर्व कुलाधिपति’ कहकर संबोधित किया गया है

भाषा
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जगदीप धनखड़
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जगदीप धनखड़
(फोटोः ANI)

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कोलकाता, 26 दिसम्बर (भाषा) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के साथ टकराव के रास्ते पर चलते हुए यादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों ने विवादास्पद संशोधित नागरिकता कानून पर उनके रूख समेत कई मुद्दों को लेकर विरोधस्वरूप उन्हें बृहस्पतिवार को कुलाधिपति के रूप में ‘‘निष्कासित’’ कर दिया।

एक ‘‘खुले पत्र’’ में धनखड़ को ‘पूर्व कुलाधिपति’ कहकर संबोधित किया गया है। इस पत्र में दो छात्र संगठनों कला संकाय छात्र संघ (एएफएसयू) और इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी छात्र संघ संकाय ने कहा कि उन्हें कुलाधिपति के रूप में उनके पद से ‘‘निष्कासित’’ किया जा रहा है।

पत्र में आरोप लगाया गया है कि राज्यपाल शरारती तत्वों के साथ 19 सितम्बर की शाम को विश्वविद्यालय परिसर में मौजूद थे और इन शरारती तत्वों ने बम फेंके और महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया।

इसमें दावा किया गया है कि धनखड़ बिना आमंत्रण के 22 दिसम्बर को यादवपुर विश्वविद्यालय पहुंचे थे।

पत्र में कहा गया है, ‘‘हमने आपके व्यवहार और उद्देश्यों की जांच की है और इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि वे छात्रों का ध्यान आकर्षित करने की बेशर्म कोशिशें कर रहे हैं, जिससे हमारा मूल्यवान समय बर्बाद हो रहा है।’’

पत्र में कहा गया है कि छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय के अधिकारियों के चल रहे ‘‘मूल्यांकन’’ के तहत राज्यपाल ने एनआरसी, राष्ट्रीय जनसंख्या पंजी, सीएए और मुस्लिमों समेत छात्रों को निशाना बनाने वाली हिंसा के बारे में सवाल पूछे गये थे और उनका जवाब ‘‘असंतोषजनक’’ पाया गया।

मीडिया को उपलब्ध कराये गये पत्र में कहा गया है, ‘‘इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए यादवपुर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति के रूप में आपके निष्कासन के बारे में आपको सूचित किया जा रहा है। यादवपुर विश्वविद्यालय के छात्र संगठन ने आपको पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में भी नहीं मानने का फैसला किया है।’’

इस पत्र के साथ एक रिपोर्ट कार्ड भी संलग्न किया गया है जिसमें धनखड़ के सामान्य ज्ञान को संतोषजनक नहीं माना गया है और इतिहास की उनकी समझ को ‘‘शून्य’’ तथा उन्हें ‘‘रीढ़विहीन’’ व्यक्ति बताया है।

एसएफआई की यादवपुर विश्वविद्यालय इकाई की प्रमुख आशुषी पॉल ने, ‘‘यादवपुर विश्वविद्यालय जैसे एक प्रमुख संस्थान के कुलाधिपति के रूप में सांकेतिक तौर पर धनखड़ का यह निष्कासन है।’’

इसमें राज्यपाल पर ‘‘भारतीय जनता पार्टी की पार्टी लाइन’’ पर चलने का भी आरोप लगाया गया।

जब इस संबंध में प्रतिक्रिया जानने के लिए ‘पीटीआई’ ने यादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति सुरंजन दास से संपर्क किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।

इस बीच यादवपुर विश्वविद्यालय में हुए घटनाक्रमों को लेकर निराशा व्यक्त करते हुए धनखड़ ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, ‘‘विरोध लोकतंत्र का अमूल्य उपहार है। विरोध प्रदर्शन तब दागदार हो जाता है जब यह असहिष्णुता में बदल जाता है और शांतिपूर्ण माहौल को खराब कर देता है।’’

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Published: 27 Mar 2019,09:12 AM IST

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