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यमुना एक्सप्रेसवे पर 6 बिल्डरों के 17 प्रोजेक्ट रद्द: ये रही लिस्ट

रद्द हुए प्रोजेक्ट में जेपी इंफ्राटेक, गौड़ सन्स, ओरिस ग्रुप, वीजीए डेवलपर्स और अजनारा ग्रुप जैसे नाम शामिल है.

द क्विंट
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(फोटो: IANS)
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यमुना एक्सप्रेसवे पर फ्लैट खरीदने वालों के लिए बुरी खबर आई है. यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने छह जाने माने बिल्डरों के 17 हाउसिंग प्रोजेक्ट की मान्यता रद्द कर दी है. इनमें जेपी इंफ्राटेक, गौड़ सन्स, ओरिस ग्रुप, वीजीए डेवलपर्स, उरबानिया और अजनारा ग्रुप जैसे नाम शामिल है.

इनमें से ज्यादातर प्रोजेक्ट यमुना एक्सप्रेस के पास सेक्टर 19, 25 और 22बी में है. ऑथोरिटी के इस फैसले का असर सैकड़ों खरीदारों पर पड़ सकता है.

ये हैं रद्द हुए प्रोजेक्ट्स-

  • गौड़ सन्स सेक्टर-19 ग्रुप हाउसिंग
  • जेपीएसआई सेक्टर-25 ग्रुप हाउसिंग
  • जेपीएसआई सेक्टर-25 ग्रुप हाउसिंग
  • जेपीएसआई इंफ्राटेक सेक्टर-25 ग्रुप हाउसिंग
  • जेपीएसआई सेक्टर-25 ग्रुप हाउसिंग
  • ऑरिस इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर-22 डी टाउनशिप
  • वीजीए डिवेलपर्स सेक्टर-25 ग्रुप हाउसिंग
  • गौड़ सन्स सेक्टर-19
  • अजनारा इंडिया सेक्टर-22 ए ग्रुप हाउसिंग
  • उरबानिया सेक्टर-25 ग्रुप हाउसिंग
  • जेपीएसआई इंफ्राटेक सेक्टर-19 कॉमर्शियल
  • जेपीएसआई इंफ्राटेक सेक्टर-19 ग्रुप हाउसिंग

चिंता करने की कोई बात नहीं

गौड़ सन्स के एमडी मनोज गौड़ ने कहा कि किसी खरीदार को चिंता करने की जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया, गौड़ सन्स के प्रोजेक्ट को 27 जुलाई, 2016 को अनुमति मिली थी और उन्होंने उसी नक्शे के मुताबिक कंस्ट्रक्शन का काम शुरू किया था.

द हिंदू में छपी खबर के मुताबिक, मनोज गौड़ ने कहा, “यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी ने 15 सितंबर 2016 को नक्शे पर कुछ आपत्ति उठाई थी. उसके बाद अथॉरिटी ऑफिस में छुट्टी के चलते मामले का निपटारा नहीं हो सका था. हम इस मामले का सोल्युशन जल्दी निकाल लेंगे.”

कमियों को नहीं निपटाया गया

अथॉरिटी के एक बयान में कहा गया है कि बिल्डरों ने साल 2015-16 में नक्शे जमा किए थे और उनपर आपत्ति जताई गई थी. लेकिन बिल्डरों ने उन गलतियों का निपटारा किए बगैर ही लोगों को फ्लैट बेचना शुरू कर दिए.

सिंह ने कहा, “मैंने हर एक बिल्डर को नोटिस देकर पूछा था कि उन्होंने कितने फ्लैट बेचे हैं और उनसे कितना रुपया लिया है. नक्शे से कमी को मिटाए बगैर बिल्डरों को किसी भी खरीदार को फ्लैट बेचने की अनुमति नहीं थी.”

मीडियो रिपोर्टस के मुताबिक, बिल्डरों को दोबारा अथॉरिटी में नक्शे का अप्रूवल लेने के लिए अप्लाई करना होगा.

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Published: 20 Apr 2017,10:13 AM IST

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