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जम्मू, 16 मार्च (भाषा) जम्मू की एक विशेष अदालत ने वायुसेना के जवानों की हत्या से संबंधित 30 साल पुराने एक मामले में प्रतिबंधित संगठन जेकेएलएफ के प्रमुख यासीन मलिक और छह अन्य लोगों के खिलाफ सोमवार को आरोप तय किये।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि टाडा मामलों पर सुनवाई के लिये गठित विशेष अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-III ने शनिवार को कहा था कि मलिक और छह अन्य के खिलाफ इस मामले में आरोप तय करने के लिये पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि अदालत ने सोमवार को सीबीआई और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद सभी सातों आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया।
मलिक कथित रूप से आतंकवाद के वित्तपोषण को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दर्ज एक मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है, जिसके चलते आरोपियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अदालत में पेश किया गया।
न्यायाधीश ने शनिवार को आदेश दिया था कि मलिक, अली मोहम्मद मीर, मंज़ूर अहमद सोफी उर्फ
मुस्तफा, जावेद अहमद मीर उर्फ
'नल्का', शौकत अहमद बख्शी, जावेद अहमद ज़रगर और नानाजी के खिलाफ आरोप तय किए जा सकते हैं।
इन सभी को हत्या, हत्या के प्रयास और अब निष्क्रिय हो चुके आतंकवादी एवं विघटनकारी गतिविधि अधिनियम की धाराओं के लिए आरोपित किया गया है।
मामला 25 जनवरी, 1990 को श्रीनगर शहर के बाहरी इलाके में भारतीय वायु सेना के जवानों की हत्या से संबंधित है। सीबीआई ने उसी साल अगस्त में इस मामले में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था।
सीबीआई के अनुसार आतंकवादियों ने भारतीय वायुसेना के जवानों पर गोलीबारी की, जिसमें एक महिला सहित 40 लोगों को गंभीर चोटें आईं और भारतीय वायुसेना के चार जवानों की मौके पर ही मौत हो गई।
जांच पूरी होने के बाद 31 अगस्त 1990 को जम्मू की टाडा अदालत के समक्ष मलिक और छह अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया था।
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