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योगी के 'गौ-प्रेम' पर भी आंकड़ों की बाजीगरी

योगी के 'गौ-प्रेम' पर भी आंकड़ों की बाजीगरी

IANS
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 बांदा, 22 दिसंबर (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में चित्रकूटधाम मंडल के अधिकारी सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ के 'गौ-प्रेम' पर भी अफसर आंकड़ों की बाजीगरी करने से नहीं चूक रहे हैं।

 पशुपालन विभाग से शासन को भेजी गई गौवंशों की मौत के आंकड़े हकीकत से काफी दूर, महज 75 बताई गई है और आठ माह में एक लाख गौवंशों पर 12 करोड़ रुपये से ज्यादा का खर्च किया जाना बताया गया है।

उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड में आवारा गौवंश किसानों के लिए किसी दैवीय आपदा से कम नहीं हैं। चित्रकूटधाम मंडल के बांदा, चित्रकूट, महोबा और हमीरपुर में करीब तीन लाख आवारा गौवंश किसानों और राहगीरों के लिए आफत बने हुए हैं। इन आवारा गौवंशों के संरक्षण के लिए मई माह से अस्थायी व स्थायी 1018 गोशालाएं संचालित हैं, जिनमें सुविधाओं का अभाव है और ठंड व बीमारी से प्रतिदिन गायों की मौत हो रही है।

शनिवार को अपर निदेशक पशुपालन (द्वितीय) ए.के. सिंह ने शासन को भेजी एक रिपोर्ट में कहा है कि चित्रकूटधाम मंडल के बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर और महोबा में अस्थायी व स्थायी 1018 गोशालाएं संचालित हैं, जिनमें 1,10,717 गोवंश संरक्षित हैं। इनके भरण-पोषण पर अब तक 12 करोड़ 37 लाख रुपये खर्च किए गए।

इसी रिपोर्ट में कहा गया कि इस अवधि में सिर्फ 75 पशुओं की मौत हुई है, वे बूढ़े और बीमार थे। बांदा में 32, चित्रकूट में 15, हमीरपुर और महोबा में 15-15 गौवंश की मौत होना बताया गया है।

पशुपालन विभाग की मानें तो बांदा जिले में 169 गोशालाएं हैं, जिनमें 29,009 गोवंश संरक्षित हैं। इनमें 32 की मौत हो चुकी है और इन पर दो करोड़, 70 लाख, 12 हजार रुपये खर्च हुए। इसी प्रकार चित्रकूट जिले में 170 गोशालाएं हैं, जिनमें 28,125 गोवंश संरक्षित है, 15 की मौत हुई और इन पर दो करोड़, 47 लाख, 78 हजार, 450 रुपये खर्च हुए। हमीरपुर जिले में 332 गोशालाएं हैं, जिनमें 29, 569 गोवंश संरक्षित हैं। इनमें 14 की मौत हो चुकी है और तीन करोड़, तीस लाख रुपये खर्च हुए।

महोबा जिले में 170 गोशालाएं हैं, जिनमें 24,014 गोवंश संरक्षित हैं। इनमें 14 की मौत हुई और इनके भरण-पोषण पर तीन करोड़, नब्बे लाख खर्च हुए।

पशुपालन विभाग के अपर निदेशक की इस रिपोर्ट पर बुंदेलखंड किसान यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने कई सवाल उठाए हैं। शर्मा ने आरोप लगाया कि यह रिपोर्ट हकीकत को छिपाकर भेजी गई है। इसी माह 11 दिसंबर से 17 दिसंबर के बीच ठंड और भूख से अतर्रा की कान्हा गोशाला में 34 गायों की मौत हो चुकी है।

कमासिन के पछौंहा गांव की गोशाला में शुक्रवार और शनिवार में छह गायों की मौत हुई है। अन्य गोशालाओं में भी कई गोवंश मर चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोई ऐसा दिन नहीं है, जब ठंड से गायों की मौतें न हो। किसान नेता ने कहा कि सबसे ताज्जुब की बात तो यह है कि तिंदवारी गोशाला में जिन दो बछियों को मुख्यमंत्री योगी ने अपने हाल के दौरे के दौरान गुड़ और चना खिला रहे थे, उनके जाने के दूसरे दिन ही उन्हीं में से एक बछिया की मौत हो गई है।

शर्मा ने कहा कि अपर निदेशक की इस रिपोर्ट का संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री किसी नोडल अधिकारी से जांच कराएं तो हकीकत सामने आ जाएगी।

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