टू जी स्पेक्ट्रम मामले में सब कुछ था राजनेता, ब्यूरोक्रेट, कॉरपोरेट और मीडिया. लेकिन इसके साथ इसमें शामिल थी अकल्पनीय रकम और भयंकर शोर. जानकारों की मानें तो इसी वजह से मनमोहन सिंह की यूपीए सरकार और कांग्रेस को भारी राजनीतिक नुकसान हुआ सरकार भी चली गई. पर आखिर में फैसला आया तो जस्टिस ओ पी सैनी की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने सब के सब आरोपियों को बरी कर दिया, कहा सबूतों में दम नहीं. पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा इसी मामले में जेल गए, डीएमके सांसद कनिमोझी भी जेल गई, अब सब छूट गए हैं.
स्पेक्ट्रम मामला 2009 के जब सामने आया तो उसका सूत्रधार होने के आरोप ए राजा पर लगे. वो उस डीएमके के उभरते सितारे थे और प्रमुख दलित चेहरे थे. तमिलनाडु और डीएमके की राजनीति में उनका दबदबा बढ़ रहा था. कहा तो ये भी जाता है कि डीएमके ने दबाव डालकर ए राजा को टेलीकॉम मंत्रालय दिलवाया.
डीएमके की राज्यसभा सांसद और कनिमोझी करुणानिधि भी छूट गई हैं. कनिमोझी डीएमके प्रमुख करुणनिधि की बेटी हैं. वह कलैनार टीवी की प्रोमोटर थीं.
शरद कुमार,डायरेक्टर/प्रमोटर कलैनार टीवी प्राइवेट लिमिटेड
रिलायंस टेलीकॉम
स्वान टेलीकॉम
यूनिटेक वायरलेस लिमिटेड
लूप टेलीकॉम प्राइवेट लिमिटेड
लूप मोबाइल लिमिटेड
एस्सार टेलीहोल्डिंग लिमिटेड
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