भारतीय जनता पार्टी (BJP) गुरुवार, 6 अप्रैल को अपना 43वां स्थापना दिवस मना रही है. मौजूदा वक्त में बीजेपी संसद में प्रतिनिधित्व के मामले में और पार्टी की सदस्यता के मामले में भारत की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है. बीजेपी 1980 के दशक की शुरुआत में गठन के बाद से एक लंबा सफर तय कर चुकी है. कई बाधाओं और असफलताओं को पार करते हुए पार्टी ने भारतीय सियासत में एक मजबूत आधार बनाया है और लंबे समय तक भारत की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय नीतियों को चलाने वाले वैचारिक ढांचे को भी बदलकर रख दिया है.

<div class="paragraphs"><p>(फोटो-&nbsp;www.bjp.org)</p></div>

बीजेपी का गठन 6 अप्रैल, 1980 को हुआ था, लेकिन पार्टी की वैचारिक शुरुआत 1951 में ही हो चुकी थी, जब कांग्रेस के राजनेता श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व से नाता तोड़कर भारतीय जनसंघ (BJS) की नींव रखी थी. बाद यही भारतीय जनसंघ बीजेपी भारतीय जनता पार्टी बनी.

(फोटो- www.bjp.org)

1984 के आम चुनाव में देशभर में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सहानुभूति की हवा बह रही थी. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी ने दो सीटों पर जीत हासिल की थी. ये दो सीटें थीं आंध्रप्रदेश की हनामकोड़ा और गुजरात की मेहसाणा सीट. हनामकोड़ा सीट से बीजेपी नेता चंदूपाटला रेड्डी और मेहसाणा सीट से अमृत कालिदास पटेल (AK Patel) ने जीत दर्ज की थी.

(फोटो- ट्विटर/@Venkrek)

इसका नतीजा ये हुआ कि 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा और बीजेपी 85 सीटों के आंकड़ों पर पहुच गई. इसके बाद 1991 के आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने फिर दायरा बढ़ाया और सीटें बढ़कर 120 हो गईं. आडवाणी की लोकप्रियता बढ़ रही थी और इससे पार्टी को बड़ा फायदा मिलता दिखा. अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए लाल कृष्ण आडवाणी ने 25 सितंबर 1990 को रथ यात्रा निकाल कर बीजेपी की राजनीति में नई धार पैदा कर दी थी.

18 अक्टूबर, 1990 को बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने नई दिल्ली में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए अपनी रथ यात्रा को बंद करने का अनुरोध करने के लिए एल.के. आडवाणी से मुलाकात करने पहुंचे थे. इसके बाद 30 अक्टूबर को, एल.के. आडवाणी को समस्तीपुर में गिरफ्तार किया गया और रथ यात्रा समाप्त हुई.

(फोटो- ट्विटर/@IndiaHistorypic)

इसके बाद आया साल 1996 के आम चुनावों का दौर, जब बीजेपी का नेतृत्व अटल विहारी वाजपेयी कर रहे थे. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा में 161 सीटों पर जीत दर्ज की और इसी के साथ बीजेपी ने सबसे बड़ी पार्टी के रूप में सरकार बनाने का दावा पेश किया और सरकार बनी लेकिन यह सिर्फ 13 दिनों तक चली.

(फोटो- www.bjp.org)

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साल 1998 में हुए आम चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा में 182 सीटों पर जीत दर्ज की और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) नाम से एक गठबंधन कायम की गई. ये सरकार 19 मार्च 1998 से 17 अप्रैल 1999 तक, कुल 13 महीने तक चली और जब एक अविश्वास प्रस्ताव के दौरान एक वोट से हार गई. फोटो में एनडीए के नेताओं के साथ अटल बिहारी वाजपेयी.

(फोटो- ट्विटर/@ArvindChaturved)

साल 1999 के सितंबर-अक्टूबर महीने में भारतीय जनता पार्टी की रहनुमाई में एनडीए ने आम चुनावों में 270 सीटों पर जीत दर्ज की. इस दौरान बीजेपी को 182 सीटें मिलीं थी और अटल बिहारी वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठे. और ये वाजपेयी सरकार 2004 में अगले आम चुनावों तक पूर्ण कार्यकाल तक चली.

(फोटो- ट्विटर/@IndiaHistorypic)

2004 के बाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने भारतीय जनता पार्टी को अगले 10 सालों तक केंद्र की सत्ता से बाहर रखा. साल 2014 में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में फिर से बीजेपी की वापसी हुई. इस बार पार्टी ने पहली बार पूर्ण बहुत हासिल किया और 282 सीटों पर जीत हासिल की.

(फोटो- narendramodi.in)

साल 2019 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने फिर से अपनी लोकसभा सीटों में इजाफा किया और लगातार दूसरी बार केंद्र में मोदी सरकार की वापसी हुई. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी ने कुल 303 सीटों पर जीत हासिल की.

(फोटो- पीटीआई)

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