किसान आंदोलन में महिलाओं का दिखा गुस्सा, पुलिस कि लगाई बैरिकेडिंग पर चढ़े किसा
फोटो: शिवकुमार मौर्या/ क्विंट
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किसानों ने बड़ी संख्या में अपना विरोध दर्ज करने के लिए गुरुवार, 8 फरवरी को दिल्ली की तरफ कूच किया है. किसानों की मांग है कि उन्हे उनके अधिग्रहित जमीनों का बढ़ा हुआ मुआवजा मिले. किसानों की योजना संसद का घेराव कर अपना विरोध दर्ज करना था लेकिन पुलिस बल ने सभी को दिल्ली बॉर्डर पर ही रोक लिया. किसान दिल्ली बॉर्डर पर ही बैठ कर अपने आंदोलन को जारी रखा. किसान आंदोलन (Farmer Protest) को देखते हुए प्रशासन ने धारा-144 लागू कर दी है. आंदोलन के चलते दिल्ली-एनसीआर (Delhi NCR) जाम हो गया है. कुछ तस्वीरों के जरिए समझते हैं कि आंदोलन कैसा था?
किसानों ने गुरुवार, 8 फरवरी को दिल्ली कूच का आह्वान किया. किसान संगठन 60 दिन से नोएडा और ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की तरफ से अधिग्रहित अपनी जमीनों के बदले बढ़ा हुआ मुआवजा, 10 प्रतिशत प्लॉट, आबादी का पूरा निस्तारण और विकसित भूखंड देने की मांग को लेकर विरोध- प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन प्रशासन की तरफ से संतोषजनक सहमति नहीं बन पाने पर बुधवार को हुई महापंचायत में किसान संगठन ने दिल्ली सदन के घेराव का ऐलान किया.
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संसद कूच करने के लिए किसान गुरुवार सुबह से ही नोए़डा में जुट गए, लेकिन सबको दिल्ली बॉर्डर पर रोक लिया गया. हालांकि पुलिस ने इससे पहले ही किसानों को जगह-जगह हिरासत में ले लिया था. आंदोलन के शुरुआत से ही किसानों का दो टूक ऐलान था कि पुलिस उन्हें जहां रोकेगी, वहीं धरने पर बैठ जाएंगे और ऐसा ही हुआ.
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किसान गुरुवार को नोएडा में महामाया फ्लाईओवर के नीचे हजारों की संख्या में पहुंची. पुलिस ने दिल्ली और नोएडा के बीच बॉर्डर को सील कर दिया है. किसानों को नोएडा से आगे बढ़ने नही दिया जा रहा है. आंदोलन में महिलाएं भी शामिल हैं.
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दिल्ली-नोएडा, चिल्ला बॉर्डर पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. बड़ी तादाद में पुलिस बल और सुरक्षा जवान बॉर्डर पर मौजूद है. सुरक्षा के तहत NH9 पर भी बेरिकेडिंग कर दी गई है.
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किसान आंदोलन और पुलिस बैरिकेडिंग के चलते दिल्ली ट्रैफिक बुरी तरह से प्रभावित रहा. दिल्ली के डीएनडी बॉर्डर, चिल्ला बॉर्डर और कालिंदी कुंज बॉर्डर पर भीषण जाम लग गया.
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किसान आंदोलन के दौरान प्रशासन ड्रोन कैमरों से भी नजर रखे हुए है.
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तीन केंद्रीय मंत्री - कनिष्ठ कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, कनिष्ठ गृह मंत्री नित्यानंद राय, और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल किसानों से उनके मुद्दों को लेकर बात कर सकते हैं.
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केंद्र सरकार के एक प्रतिनिधिमंडल समेत तीनों मंत्रियों को किसानों के प्रतिनिधियों से मिलने के लिए चंडीगढ़ भेजा गया है.
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