Delhi Starts 'Haunted' Heritage Walks: दिल्ली पर्यटन विभाग अब हॉन्टेड हेरिटेज वॉक शुरू करने वाली है. मई 2023 से, सरकार ने दिल्ली में तथाकथित 'भूतिया' स्थलों, जैसे मालचा महल, भूली भटियारी, फिरोज शाह कोटला और तुगलकाबाद किले में हेरिटेज वॉक निकालने का निर्णय लिया है.

<div class="paragraphs"><p>(फोटो- रिभू चटर्जी)</p></div>

दिल्ली पर्यटन विभाग अब हॉन्टेड हेरिटेज वॉक शुरू करने वाली है. मई 2023 से, सरकार ने दिल्ली में तथाकथित 'भूतिया' स्थलों, जैसे मालचा महल, भूली भटियारी, फिरोज शाह कोटला और तुगलकाबाद किले में हेरिटेज वॉक निकालने का निर्णय लिया है.

(फोटो- रिभू चटर्जी)

पर्यटक सूचना अधिकारी अतुल पांडे ने द क्विंट को बताया, "मैं अपने कैमरे के साथ मालचा महल की ऐसी ही एक हेरिटेज वॉक में शामिल हुआ. हमने दिल्ली भर में फूड और हेरिटेज वॉक की एक पूरी सीरीज आयोजित की है. लेकिन शहर में देखने-खोजने के लिए बहुत कुछ है. इसलिए, हम पर्यटकों को दिल्ली की कुछ अनछुई जगहों को दिखाने के लिए हॉन्टेड वॉक का विचार लेकर आए हैं"

(फोटो- रिभू चटर्जी)

47 वर्षीय दुष्यंत सिंह उस दिन वॉक का नेतृत्व कर रहे थे. वे एक व्यवसायी और उद्यमी हैं, जिन्हें इतिहास और ऐतिहासिक स्थलों का शौक है. उन्होंने कहा "मुझे नए अनुभवों में दिलचस्पी है, और अगर कोई हॉन्टेड वॉक है या तथाकथित हॉन्टेड जगह है, तो यह एक अतिरिक्त बोनस है."

(फोटो- रिभू चटर्जी)

तो अब सुनिए कहानी. दुष्यंत सिंह यहां स्वघोषित 'अवध की रानी' - बेगम विलायत महल - की तस्वीर लिए खड़े हैं.  बेगम विलायत महल 1970 के दशक की शुरुआत में अपने दो बच्चों, 'राजकुमारी' सकीना और 'राजकुमार' साइरस, नौकरों का दल, और लगभग 15 शिकारी कुत्ते के साथ भारत आई थीं.  उन्होंने अवध के शाही परिवार का सदस्य होने का दावा किया.

(फोटो- रिभू चटर्जी)

वर्षों तक इंदिरा गांधी सरकार पर दबाव डालने के बाद, बेगम विलायत महल के दावे को स्वीकार कर लिया गया और उन्हें पत्थर से बना एक शिकार लॉज, मालचा महल आवंटित किया गया, जो एक जंगल के बीच में छिपा हुआ है. लेकिन उनका और उनके बच्चों की कहानी हमेशा के लिए रहस्यों में डूबी रहेगी. 10 सितंबर 1993 को 62 साल की उम्र में विलायत की आत्महत्या से मौत हो गई.

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लॉज के अंदर एक शिकारी कुत्ते के साथ 'प्रिंस' साइरस की तस्वीर दिखाते दुष्यंत सिंह.

(फोटो- रिभू चटर्जी)

दुष्यंत सिंह ने समझाया, "छत पर काले धब्बे से, हम कह सकते हैं कि यह जगह रसोई के रूप में इस्तेमाल की जाती होगी."

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विलायत के परिवार और उनके वंश के आसपास के रहस्य का पर्दा कुछ हद तक उठा जब न्यूयॉर्क टाइम्स के पत्रकार एलेन बैरी ने उनके परिवार के दूसरे आधे हिस्से को ट्रैक किया. शाहिद के नाम से एक बड़ा भाई मिला, जो इंग्लैंड में रह रहे थे.

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शाहिद और उनकी पत्नी ने पत्रकार के सामने स्वीकार किया कि विलायत का शाही वंश से संबंधित होने का दावा स्वीकार नहीं किया जा सकता.

(फोटो- रिभू चटर्जी)

2017 में 'प्रिंस' साइरस की मृत्यु के बाद, इमारत जर्जर हो गई है. अक्टूबर 2019 के अंत में यह बताया गया कि इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) ने मालचा महल को रेस्टोर करने का सुझाव दिया है.

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33 वर्षीय नोएल थॉमस का कहना है कि शहर के इतिहास में उनकी गहरी दिलचस्पी है.

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नोएल थॉमस से हमने पूछा कि, उन्हें मालचा महल में क्या दिलचस्पी हुई? उन्होंने कहा, "हम मध्य दिल्ली के बारे में सोचते हैं, तो हम दिल्ली के सबसे आधुनिक हिस्से के बारे में सोचते हैं. लेकिन इन सबके ठीक बीच में एक महल और यहां रहने वाले लोगों की एक दिलचस्प कहानी है. जरूरी नहीं कि इस जगह को हॉन्टेड कहूं"

(फोटो- रिभू चटर्जी)

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