Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Photos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Eid-Milad-Un-Nabi: ईद-मिलाद-उन-नबी के मौके पर जुलूस निकालकर जश्न मनाते लोग Photo

Eid-Milad-Un-Nabi: ईद-मिलाद-उन-नबी के मौके पर जुलूस निकालकर जश्न मनाते लोग Photo

Eid Milad UN Nabi Photos: यह दिन अल्लाह के आखिरी मैसेंजर, इस्लामी पैगंबर मोहम्मद सहाब की जयंती का प्रतीक है.

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<div class="paragraphs"><p>क्यों मनाया जाता है Eid-Milad-Un-Nabi का त्योहार, इस दिन क्या करते हैं मुस्लमान ?</p></div>
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क्यों मनाया जाता है Eid-Milad-Un-Nabi का त्योहार, इस दिन क्या करते हैं मुस्लमान ?

-(फोटो - पीटीआई)

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ईद-मिलाद-उन-नबी (Eid-Milad-Un-Nabi) या ईद-ए-मिलाद मुसलमानों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है. इस दिन को सभी मुसलमान बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाते हैं. यह दिन अल्लाह के आखिरी मैसेंजर, इस्लामी पैगंबर मोहम्मद सहाब की जयंती का प्रतीक है. इस दिन को मावलिद और नबीद के नाम से भी जाना जाता है. यह दिन हर साल रबी उल अव्वल के दौरान आता है. इस साल ईद-ए-मिलाद का त्योहार आज यानी 28 सितंबर 2023 को मनाया जा रहा है.

साल 2023 में भारत में रबी उल अव्वल का चांद 28 सितंबर को देखा गया था. पाकिस्तान, श्रीलंका और बांग्लादेश जैसे अन्य देश भी 28 सितंबर 2023 को ईद मिलाद-उन नबी मना रहे हैं. सऊदी अरब में, ईद ए मिलाद 27 सितंबर 2023 को मनाया गया.

(फोटो - पीटीआई)

मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच ईद-ए-मिलाद का बड़ा धार्मिक महत्व है. इस दिन को दुनिया भर के सभी मुसलमान बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाते हैं. ईद मिलाद उन नबी रबी उल अव्वल के 12वें दिन मनाया जाता है जो इस्लामिक कैलेंडर का तीसरा महीना है. यह दिन पैगंबर मोहम्मद साहब की जयंती का प्रतीक है.

(फोटो - पीटीआई)

यह दिन मुसलमानों  के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है क्योंकि यह दिन पवित्र पैगंबर सहाब की दया, करुणा और शिक्षाओं की याद दिलाता है. यह त्यौहार शिया और सुन्नी मुसलमानों द्वारा अलग-अलग तारीखों पर मनाया जाता है. सुन्नी मुसलमान इस दिन को इस्लामी के 12वें दिन मनाते हैं जबकि शिया मुसलमान इस दिन को रबी उल अव्वल के 17वें दिन मनाते हैं.

(फोटो - पीटीआई)

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लोग त्योहार से एक दिन पहले से ही तैयारी शुरू कर देते हैं. वे क्षेत्र, सड़कों, मस्जिदों और बाजारों को सुंदर और रंगीन रोशनी और हरे रंग के झंडों से सजाते हैं. वे इस दिन को बहुत धूमधाम से मनाते हैं, वे अपने हाथ पर हरे रंग की पट्टी बांधते हैं क्योंकि हरा रंग इस्लाम का प्रतीक है.

(फोटो - क्विंट हिंदी/प्रतापगढ़)

इस दिन नए कपड़े पहनना, मिठाइयां बांटना और मस्जिद जाना मुख्य अनुष्ठानों में से एक है. इस दिन मुस्लमान पैगंबर मुहम्मद साहब की याद में नात ओ कव्वाली पढ़ते है और जुलुस निकालते हैं.

(फोटो - क्विंट हिंदी/प्रतापगढ़)

छोटे बच्चे ईद मिलाद नबी का त्यौहार बड़े उत्साह से मनाते हैं और अपने बड़ों से ईदी मांगते हैं. वे अपने चचेरे भाई-बहनों और दोस्तों से मिलते हैं और इस दिन को यादगार बनाते हैं. बुजुर्ग हमेशा अपने बच्चों को पैगंबर मोहम्मद और मानवता और करुणा के बारे में उनकी शिक्षाओं के बारे में बताते हैं।। इस तरह वे इस दिन को खुशी-खुशी मनाते हैं

(फोटो - क्विंट हिंदी/प्रतापगढ़)

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