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G-20 सौंदर्यीकरण: नोएडा में झुग्गीवासियों की आजीविका को कैसे प्रभावित कर रहा है? Photos
G20 summit 2023: नोएडा के सेक्टर 16 की झुग्गी बस्ती में मुझे मिले कई निवासियों ने अधिकारियों के फैसले पर सवाल उठाए.
ओवैस सिद्दीकी
तस्वीरें
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नोएडा के सेक्टर 16 में झुग्गियों को टिन शेड से ढका जा रहा है.
(फोटो-ओवेस सिद्दिकी)
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जी20 शिखर सम्मेलन 9 सितंबर से 10 सितंबर तक नई दिल्ली में होगा और इसकी तैयारियां जोरो पर हैं. नोएडा प्राधिकरण ने सेक्टर 16 के पास झुग्गी बस्तियों के सामने टिन की चादरें लगाके सौंदर्यीकरण अभियान शुरू किया है. 22 अगस्त को, मैंने DND फ्लाईवे के माध्यम से नोएडा में प्रवेश करते समय कुछ तस्वीरें ली जिसमें सड़क के किनारे टिन की चादरें और हरे कपड़े के कवर देखे जा सकते हैं.
(फोटो-ओवेस सिद्दिकी)
टिन की चादरों के पीछे मेरी मुलाकात मोहम्मद सलीम से हुई, जो मदर डेयरी बूथ के मालिक हैं. सलीम ने कहा. "मेरी दुकान के ठीक सामने टिन की चादरें लगाई गई हैं और इस वजह से हमारी बिक्री प्रभावित हुई है. पहले बहुत सारे ग्राहक मिलते थे, लेकिन अब हमें पूरी तरह से झुग्गी के निवासियों पर निर्भर रहना पड़ता है. "
(फोटो-ओवेस सिद्दिकी)
ब्रहस्पतिवाला, सेक्टर 16 की झुग्गियों में 10 वर्षों से अधिक समय से मोटरसाइकिल मरम्मत की दुकान चला रहे हैं. उनकी दुकान अब पूरी तरह से टिन की चादरों से ढकी हुई है. वो कहते हैं कि "मैं किराए के रूप में 3,000 रुपये का भुगतान करता हूं. जब से हमारी दुकान को कवर किया गया है, हमें मुश्किल से ग्राहक मिल रहे हैं. उत्तर प्रदेश के पीलीभीत के रहने वाले ब्रहस्पतिवाला ने कहा "मैंने अपने मकान मालिक से नोएडा प्राधिकरण से बात करने के लिए कहा है. अन्यथा, मेरे लिए किराया देना और कमाना मुश्किल हो जाएगा."
(फोटो-ओवेस सिद्दिकी)
ब्रहस्पतिवाला की दुकान के अंदर से सड़क नहीं दिख रही पूरा फ्रंट टिन की चादरों से ढक दिया है.
(फोटो-ओवेस सिद्दिकी)
बृहस्पतिवाला का बेटा सुरेश कुमार अब सड़क पर टीन की चादरों के सामने बाइक की मरम्मत कर रहा है. सुरेश कहता है कि, "जो ग्राहक हमारी दुकान को जानते हैं वे ही मरम्मत के लिए दुकान पर आते हैं. दुकान और बोर्ड पूरी तरह से छिपे हुए हैं. इससे हमारी कमाई पर असर पड़ा है. अब, मैं सड़क पर बाइक की मरम्मत करता हूं, लेकिन यहां भी नोएडा अथॉरिटी के अधिकारी आए और हमें हटने के लिए कहा.''
(फोटो-ओवेस सिद्दिकी)
झुग्गी बस्ती के निवासियों का दावा है कि उनके घरों/दुकानों के सामने टिन की चादरें लगाने से उनकी आजीविका पर बुरा प्रभाव पड़ा है. मंजू देवी कहती हैं कि सोचिए इतनी गर्मी में इन टिन की चादरों के साथ रहना कितना मुश्किल होगा."
(फोटो-ओवेस सिद्दिकी)
गोमती देवी उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की निवासी हैं और 17 साल से अधिक समय से सेक्टर 16 में अपनी झुग्गी में रहती हैं. वह मुझे अपने एक कमरे के घर की छत पर ले गईं, ताकि चल रहे सौंदर्यीकरण के कारण उन्हें और उनके परिवार को होने वाली परेशानी को दिखाया जा सके. यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने टिन की चादरें लगाने का विरोध किया था, गोमती ने कहा, "हम विरोध नहीं कर सकते क्योंकि हम झुग्गियों में रहते हैं. क्या होगा अगर प्राधिकरण हमारे घरों को ध्वस्त कर दे? हमारे पास इसके साथ रहने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है."
(फोटो-ओवेस सिद्दिकी)
अधिकांश झुग्गी निवासी दिहाड़ी मजदूर हैं. एक किराने की दुकान के मालिक ने नाम बताने से इनकार करते हुए कहा, "यह सब जी20 शिखर सम्मेलन के कारण हो रहा है. सरकार हमारे मुद्दों को संबोधित करने में विफल रही है लेकिन हमें स्वीकार करने को तैयार नहीं है."
(फोटो-ओवेस सिद्दिकी)
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सब्जी विक्रेता विक्रम सिंह ने कहा, "पहले, मैं सब्जियां बेचकर प्रतिदिन 500-600 रुपये कमाता था. जब से मेरी दुकान टिन की चादरों के पीछे छिप गई है, मैं मुश्किल से 200-300 रुपये कमा रहा हूं."
(फोटो-ओवेस सिद्दिकी)
अजमल और मेहताब नोएडा, सेक्टर 16 में झुग्गियों और दुकानों को ढकने वाली टिन की चादरें लगाने वाले हैं. अजमल ने कहा, "हम पिछले कुछ महीनों से यहां काम कर रहे हैं हमारा काम अगले दो या तीन दिनों में पूरा हो जाएगा."
(फोटो-ओवेस सिद्दिकी)
राजू कुमार, एक फल विक्रेता हैं जो आमतौर पर सड़क के किनारे अपना ठेला लगाते हैं, उसकी जगह इन कवरों ने ले ली है. वह चादरें लगाने के अधिकारियों के फैसले पर सवाल उठाते हैं, ''यह झुग्गियों को छिपाने के बारे में नहीं है, यह उनकी विफलताओं को छिपाने का एक प्रयास है.''
(फोटो-ओवेस सिद्दिकी)
G20 शिखर सम्मेलन प्रगति मैदान में नव उद्घाटन कला सम्मेलन परिसर में होगा. कई महीनों से तैयारियां चल रही हैं. नोएडा के अतिरिक्त सीईओ प्रभाष कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "यह शहर के सौंदर्यीकरण के लिए हमारी व्यापक योजना के तहत है. जी-20 की तैयारियों के मद्देनजर, हम इस काम को महीने के अंत तक पूरा करने पर जोर दे रहे हैं."
(फोटो-ओवेस सिद्दिकी)
एक निवासी ने नाम ना बताने की शर्त पर बताया "जब ये किया जा रहा था, हमने अधिकारियों से पूछा कि वे ऐसा क्यों कर रहे हैं. उन्होंने हमें बताया कि यह नाली को छिपाने के लिए है. लेकिन जैसा कि आप देख सकते हैं, इसने हमारे घर को पूरी तरह से ढक दिया है. हम, गरीब लोग पहले से ही तंग जगहों में रह रहे हैं. अब यह हमारे घावों पर नमक छिड़कने जैसा है."
(फोटो-ओवेस सिद्दिकी)
जिन निवासियों से मैंने बात की उनमें से अधिकांश ने अधिकारियों के निर्णयों और इरादों पर सवाल उठाए हैं. फिलहाल, वे उम्मीद और इंतजार कर रहे हैं कि दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के बाद चादरें हटाई जाएंगी.
(फोटो-ओवेस सिद्दिकी)
(क्विंट ने झुग्गियों के निवासियों द्वारा उठाए गए मुद्दे पर नोएडा प्राधिकरण से संपर्क किया है, उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार है प्रतिक्रिया मिलने के बाद स्टोरी अपडेट कर दी की जाएगी.)