Home Photos Guru Nanak Jayanti: लंगर, कीर्तन, अरदास.. स्वर्ण मंदिर से बंगला साहिब तक यूं मना गुरुपर्व
Guru Nanak Jayanti: लंगर, कीर्तन, अरदास.. स्वर्ण मंदिर से बंगला साहिब तक यूं मना गुरुपर्व
Guru Nanak Jayanti Photos: तस्वीरों में देखिए देश के अलग-अलग राज्यों में किस तरह से गुरु नानक जयंती मनाई गई.
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Guru Nanak Jayanti: देशभर में मनाया गया गुरु पर्व, लंगर-कीर्तन का आयोजन- Photos
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देशभर में सोमवार, 27 नवंबर को गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti 2023) मनाई गयी. गुरु नानक जयंती सिख धर्म के संस्थापक और इसके नौ गुरुओं में से पहले गुरु नानक या बाबा नानक के जन्मदिन का प्रतीक है. सिख इस दिन को नगर कीर्तन नामक जुलूस के साथ मनाते हैं, जिसमें लोगों के समूह भजन गाते हैं और गुरुद्वारों में जाते हैं.
तस्वीरों में देखिए देश के अलग-अलग राज्यों में किस तरह से गुरु नानक जयंती मनाई गई.
27 नवंबर, 2023 को राजस्थान के बीकानेर में गुरु नानक जयंती पर महिलाएं लंगर के लिए रोटियां तैयार करती हुईं. गुरु नानक की शिक्षाओं ने एक विशिष्ट आस्था के उद्भव के लिए आधार तैयार किया. उनके अनुयायियों में निचली जाति के हिंदू और मुस्लिम किसान दोनों थे.
(फोटो - पीटीआई)
कानपुर के मोतीझील मैदान में गुरु नानक जयंती पर लंगर का आयोजना हुआ. गुरु नानक का जन्म 15 अप्रैल, 1469 को ननकाना साहिब शहर में एक हिंदू परिवार में हुआ था, जो आज पाकिस्तान का हिस्सा है. कहा जाता है कि कम उम्र से ही उनके मन में दार्शनिक प्रश्नों - जीवन और धर्म के अर्थ - के बारे में जिज्ञासा थी.
(फोटो - पीटीआई)
खुशवंत सिंह की पुस्तक ए हिस्ट्री ऑफ द सिख्स के अनुसार, सुल्तानपुर में कुछ समय तक एकाउंटेंट के रूप में काम करने के बाद, वह मर्दाना नामक एक मुस्लिम मीनस्ट्रेल नौकरी में शामिल हो गए.
नई दिल्ली में गुरु नानक जयंती पर गुरुद्वारा बंगला साहिब में भक्तों को पवित्र जल या अमृत प्राप्त हुआ.
(फोटो - पीटीआई)
कहा जाता है कि नानक ने अपनी शिक्षाओं का प्रसार करने के लिए श्रीलंका, बगदाद और मध्य एशिया तक की यात्रा की थी. उनकी अंतिम यात्रा इस्लाम के सबसे पवित्र स्थलों मक्का और मदीना की थी, और उन्होंने अन्य धर्मों में पूजनीय स्थलों का भी दौरा किया. इन यात्राओं को 'उदासियां' कहा जाता था.
(फोटो - पीटीआई)
गुरु नानक ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष करतारपुर में बिताए और उनके शिष्यों ने उनके अधीन एक विशेष दिनचर्या का पालन किया. वे सूर्योदय से पहले उठे, ठंडे पानी से स्नान किया और सुबह की प्रार्थना करने के लिए मंदिर में इकठ्ठा हुए और भजन गाते थे. यह तस्वीर नई दिल्ली में गुरु नानक जयंती पर गुरुद्वारा बंगला साहिब के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुों की है.
(फोटो - पीटीआई)
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सिख साहित्य निर्देश देता है कि गुरु नानक की जयंती भारतीय चंद्र माह कार्तिक की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. सोमवार को वाराणसी में गुरु नानक जयंती पर लंगर के दौरान प्रसाद खाते लोग.
(फोटो - पीटीआई)
इस साल कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को है. इस साल यह गुरु नानक देव की 554वीं जयंती है. अमृतसर में गुरु नानक जयंती पर स्वर्ण मंदिर में एक भक्त मोमबत्ती जलाते हुए.
(फोटो - पीटीआई)
जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक आरआर स्वैन और पुलिस महानिरीक्षक वीके बिरदी ने श्रीनगर में गुरु नानक जयंती पर चट्टीपादशाही गुरुद्वारा का दौरा किया.
(पीटीआई फोटो)
गुरु नानक देव ने प्रचार किया कि कोई भी व्यक्ति शुद्ध अंतःकरण से ईश्वर की पूजा करके उससे जुड़ सकता है. उनकी शिक्षाए गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल हैं.
Atul Yadav/PTI)
गुरु नानक की मृत्यु 22 सितंबर, 1539 को हुई थी. लखनऊ में गुरु नानक जयंती पर भक्तों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए.