मध्य-पूर्व एशिया में सत्ता पक्ष के खिलाफ पैदा हुए जन-आंदोलन की शुरुआत मिस्र से हुई थी. आज 25 जनवरी को इस आंदोलन को 5 साल पूरे हो चुके हैं.
मिस्र की मौजूदा सरकार ने इसे देखते हुए तहरीर स्क्वायर पर पहरा सख्त कर दिया है.
तस्वीरों में देखें मिस्र के राष्ट्रपति होस्नी मुबारक के अपदस्थ होने से अरब क्रांति शुरू होने की घटनाएं...
साल 2011 की 25 जनवरी को ट्यूनिशिया के शासक के अपदस्थ होने के साथ ही मिस्र में भी राष्ट्रपति होस्नी मुबारक के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए.
1 फरवरी को करीब दस लाख लोगों ने सड़कों पर उतरकर तहरीर स्क्वायर में विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद 11 मुबारक ने इस्तीफा देकर शासन की बागडोर सेना को सौंप दी.
28 नवंबर, 2011 को हुए आम चुनावों में मोहम्मद मोरसी मिस्र के नए राष्ट्रपति चुने गए.
लेकिन, 2013 में मिस्र की सेना ने मोरसी को अपदस्थ करके एक अंतरिम सरकार की स्थापना की.
इसके बाद 2014 में हुए चुनावोें में अब्दुल फतेह अल-सीसी भारी बहुमत के साथ राष्ट्रपति चुने गए.
मिस्र के राष्ट्रपति ने रविवार कोे 2011 के जन-आंदोलन में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी.
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