Jagannath Rath Yatra: 20 जून से पूरे देश जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू हो गयी. हर साल यह यात्रा जगन्नाथ मंदिर के मुख्य द्वार से शुरू होती है और तीन महीने तक चलती है. लेकिन रथ यात्रा से 15 दिन पहले जगन्नाथ भगवान एकांत में रहते हैं और भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं.

<div class="paragraphs"><p>(फोटो: पीटीआई)</p></div>

मंगलवार 20 जून को, पुरी में रथ यात्रा उत्सव के दौरान 'पहांडी' अनुष्ठान करते हुए भक्त.

(फोटो: पीटीआई)

सेंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने सोमवार को पुरी समुद्र तट पर जगन्नाथ रथ यात्रा के मौके पर 200 से अधिक नारियल की स्थापना करके एक रेत की मूर्ति बनाई.

(फोटो: पीटीआई)

मंगलवार 20 जून को पुरी में भक्त भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की रथ यात्रा में शामिल होते हुए.

(फोटो: पीटीआई)

पुरी में सोमवार को रथ यात्रा उत्सव से पहले भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के रथ.

(फोटो: पीटीआई)

श्री श्री गजपति महाराज द्वारा रथों की छेरा पहनरा अनुष्ठान की गई.

(फोटो: ट्विटर/जगन्नाथ धाम)

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भगवान श्री मदनमोहन और रामकृष्ण की पहंडी बिजे को "रथ" तक ले जाते भक्त.

(फोटो: ट्विटर/जगन्नाथ धाम)

महाप्रभु श्री जगन्नाथ की पहंडी बिजे को 'नंदीघोष रथ' तक ले जाते भक्त 

(फोटो: ट्विटर/जगन्नाथ धाम)

'मां सुभद्रा' की पहंडी बिजे को 'दर्पदलन रथ' तक ले जाते भक्त 

(फोटो: ट्विटर/जगन्नाथ धाम)

भगवान श्री बलभद्र' की पहंडी बिजे को 'तालध्वज रथ' तक ले जाते भक्त.

(फोटो: ट्विटर/जगन्नाथ धाम)

श्री 'सुदर्शन देबा' की 'पहंडी बिजे को ले जाते भक्त.

(फोटो: ट्विटर/जगन्नाथ धाम)

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