कर्नाटक में विधानसभा (Karnataka Elections 2023) की 224 सीटों के लिए 10 मई को वोट डाले गए. राज्य भर में कुल 58,545 मतदान केंद्रों पर वोटिंग सुबह 7 बजे से शुरू हुई और शाम 6 बजे तक चली. चुनाव लड़ने वाले मुख्य राजनीतिक दल बीजेपी, कांग्रेस और JD (S) हैं. राज्य में सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 113 सीटों का है. वोटिंग के दौरान क्विंट की टीम ग्राउंड पर रही और कुछ खास तस्वीरें लेकर आई है. इंदिरानगर, बेंगलुरु में होली शेफर्ड एजुकेशन ट्रस्ट में महिला मतदाताओं के लिए एक अनूठा अनुभव था क्योंकि बूथ की देखरेख पुलिस कर्मियों को छोड़कर महिलाओं द्वारा की जाती थी, जो इलाके की रखवाली कर रहे थे. शहर में महिला प्रबंधित बूथों को 'गुलाबी बूथ' कहा जा रहा है.

<div class="paragraphs"><p>(फोटो: समर्थ ग्रोवर/द क्विंट)</p></div>

बेंगलुरू में 50 वर्षीय किरायेदार लोगनायगी अपनी मकान मालकिन 84 वर्षीय शशि रेखा के साथ वोट डालने पहुंचीं. लोगनयगी ने द क्विंट से कहा, "उन्हें (सरकार को) हमारी सड़कों का ख्याल रखना होगा. यहां के हालात देखें. राष्ट्रीय मुद्दे भी मायने रखते हैं."

(फोटो: समर्थ ग्रोवर/द क्विंट)

कई पहली बार वोट डालने वाले भी बेंगलुरु के पोलिंग बूथ पर दिखाई दिए. साहिल (18) और भगवान दास (49) ने यहां वोट डाला. द क्विंट से बात करते हुए, साहिल, जो पहली बार वोट कर रहे हैं, ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक दल की विचारधारा के आधार पर मतदान किया है. 

(फोटो: समर्थ ग्रोवर/द क्विंट)

कुछ मतदाताओं को निराश भी हुई. बेंगलुरु के शिवाजीनगर निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूची से कुछ लोगों के नाम हटा दिए गए. यहां, एक 20 वर्षीय एमबीबीएस छात्रा, जो अपना नाम नहीं बताना चाहती थी, ने दावा किया कि उसका नाम शिवाजीनगर मतदान केंद्र की मतदाता सूची से हटा दिया गया. शिवाजीनगर में 1.91 लाख मतदाता हैं, जिनमें से 40 प्रतिशत मुस्लिम हैं.

(फोटो: समर्थ ग्रोवर/द क्विंट)

शिवाजीनगर के मतदाताओं ने मतदाता सूची से अपना नाम काटे जाने की शिकायत की. इससे पहले, शिवाजीनगर में भी 9,000 से अधिक मतदाताओं के नाम कथित तौर पर बिना कारण सूची से हटा दिए गए. कर्नाटक के चुनाव आयुक्त ने बाद में इन दावों का खंडन किया.

(फोटो: समर्थ ग्रोवर/द क्विंट)

 69 साल के उबैद टोंस, कभी बेंगलुरु से दूर स्थित मणिपाल में रहते थे. वह हाल ही में बेंगलुरु चले गए और अब शहर में मतदान करने के लिए पंजीकृत हैं. अपनी बढ़ती उम्र की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, "जब से मैं उम्र का हुआ हूं, तब से हर बार मतदान करता आ रहा हूं. मुझे नहीं पता कि मुझे और कितनी बार मतदान करने को मिलेगा. मैं इस बार अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करने के लिए मतदान करने आया हूं."

(फोटो: समर्थ ग्रोवर/द क्विंट)

64 साल के नरेंद्र कुमार और 53 वर्षीय उनकी पत्नी रजनी ने बेंगलुरू में वोट डाला. दंपति ने युवा मतदाताओं से अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करने की अपील की.

(फोटो: समर्थ ग्रोवर/द क्विंट)

बेंगलुरु के इंदिरानगर में होली शेफर्ड एजुकेशन ट्रस्ट में महिला मतदाताओं के लिए एक खास अनुभव रहा. इस बूथ पर सारा काम-काज महिलाओं के जिम्मे है. ऐसे बूथों को पिंक बूथ कहा जाता है.

(फोटो: समर्थ ग्रोवर/द क्विंट)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT