दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का रविवार, 21 जुलाई को दिल्ली के निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. शीला दीक्षित का पार्थिव शरीर शनिवार शाम से रविवार की सुबह तक दक्षिणी दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित उनके आवास पर रखा गया था,जहां नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम मोदी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, वरिष्ठ बीजेपी नेता एलके आडवाणी, सुषमा स्वराज, सोनिया गांधी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
इसके बाद उनका पार्थिव शरीर पार्टी मुख्यालय लाया गया. यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह समेत कांग्रेस नेताओं ने उन्हें आखिरी विदाई दी.
शीला दीक्षित लगातार 15 साल तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं. दीक्षित को 17 दिसंबर,2008 में लगातार तीसरी बार दिल्ली विधान सभा के लिये चुना गया था. साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा. वो दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री थीं.
2014 में शीला दीक्षित केरल की गवर्नर बनीं. बीजेपी के सरकार में आने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. शीला दीक्षित 1984 से 1989 के बीच कन्नौज से सांसद भी थीं. इस बीच वो राजीव गांधी की सरकार में संसदीय कार्यमंत्री भी बनीं.
शीला दीक्षित ने मिरांडा हाउस कॉलेज में पढ़ाई की थी. शीला दीक्षित के पति विनोद दीक्षित पश्चिम बंगाल के गवर्नर रहे उमाशंकर दीक्षित के बेटे थे. विनोद दीक्षित IAS अधिकारी थे.
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