दार्जिलिंग पिछले एक हफ्ते से हिंसा की आग में झुलस रहा है. लगातार गोरखालैंड की मांग हो रही है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल के स्कूलों में बांग्ला भाषा को अनिवार्य करने का भी काफी विरोध हो रहा है. गोर्खा जन मुक्ति मोर्चा ने राज्य की मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और अनिश्चित काल की हड़ताल का आह्वान किया है.
एक तरफ जहां पिछले दस दिनों विरोध जारी है, वहीं ममता बनर्जी भी कह रही हैं, वो धमकियों से नहीं डरने वाली. यहां इन तस्वीरों में देखिए बीते दिनों कैसे ये विरोध प्रदर्शन हिंसा में बदल गया.
दार्जिलिंग हिल्स में 8 जून को गोर्खा जन मुक्ति मोर्चा ने गोरखालैंज आंदोलन के लिए बंद बुलाया. लेकिन राज्य सरकार ने सभी कर्मचारियों को ऑफिस आना अनिवार्य किया और कहा कि न आने पर नौकरी से निकाला भी जा सकता है.
सेना के एक प्रवक्ता ने बताया कि आर्मी की 6 बटालियन को तैनात किया गया. तीन को दार्जिलिंग में, दो को कालिमपोंग और एक को कुर्सेओंग में तैनात किया गया. इसके अलावा CRPF को भी तैनात किया गया.
उपद्रव बढ़ता देख मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दार्जिलिंग का दौरा किया. यहां उन्होंने सुरक्षाबलों से कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कहा और लोगों से शांति की अपील की.
गोर्खा जन मुक्ति मोर्चा ने अनिश्चितकाल हड़ताल का आह्वान किया. कुछ सरकारी दफ्तर भी बंद रहे. PWD पर हमला किया गया. पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया. गोर्खा मुक्ति मोर्चा ने हालांकि शैक्षिक संस्थान, परिवहन और होटल्स को इन सबसे दूर रखा. लेकिन बैंकों को हफ्ते में सिर्फ दो दिन खुलने के लिए कहा.
प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए कालिमपोंग और दार्जिलिंग में लाठीचार्ज किया गया. इस बीच दार्जिलिंग के एसपी अमित जवालगी को उनकी पोस्ट से हटा दिया गया. कोलकाता पुलिस के सीनियर अधिकारी ने बताया कि डिप्टी कमिश्नर (सेंट्रल) अखिलेश चतुर्वेदी ने एक नए एसपी को अमित की जगह तैनात किया है.
सैकड़ों महिला एक्टिविस्ट्स ने गोरखालैंड की मांग को लेकर 'गोरखालैंड', 'गोरखालैंड' के नारे लगाए.
गोर्खा मुक्ति मोर्चा के घर पर छापेमारी की गई, जिससे हिंसा और बढ़ गई. 3 बजे के आसपास शनिवार को प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले छोड़े.
पिछले दस दिनों में काफी दुर्घटनाएं हुई हैं, लेकिन जन मुक्ति मोर्चा ने कहा है कि विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. जीजेएम के प्रमुख बिमल गुरुंग अपने आप को हिल्स के मुख्यमंत्री के तौर पर पेश किया और ममता बनर्जी को चुनौती दी कि वो आंदोलन को रोक कर दिखाएं.
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