उज्जैन का सिंहस्थ कुंभ मेला यूं तो 86 चोरों की गिरफ्तारी, टेंट गिरने से 9 लोगों की मौत, सीवेज लीक और बड़ी हस्तियों के डुबकी लगाने के लिए सुर्खियों में रहा. लेकिन इस आयोजन में मन को लुभाने वाली और भी कई चीजें मौजूद हैं.

प्रेस और चिंतित रिश्तेदारों से चेतावनी मिलने के बावजूद मैं वहां जा पहुंची. शाही स्नान के पहले जब वहां लोगों की आवाजाही बढ़ती ही जा रही थी, तो मैंने कुंभ में एक सुहानी शाम बिताई. आमजन की धारणा से उलट, ये शाम बुरी नहीं थी.

उज्जैन कुंभ मेला 2016 : क्षिप्रा के तट पर स्थित भूखीमाता मंदिर की आरती. (फोटो: रिशिका बरुआ/ The QUINT)

क्षिप्रा का पानी और घाट काफी साफ-सुथरे थे. डुबकी लगाने के लिए एक जगह को अच्छी तरह से चिह्नित किया गया था. कई मोबाइल टॅायलेट और कपड़े बदलने के लिए बहुत सारी बाड़ेनुमा जगह तैयार की गई थी. पार्किंग सुविधा भी सुलभ थी.

उज्जैन कुंभ मेला 2016 : राख में लिपटा एक नागा साधु अपने ‘आशीर्वाद झाड़ू’ के साथ. (फोटो: रिशिका बरुआ/ The QUINT)
उज्जैन कुंभ मेला 2016 : गर्मी से निजात पाने को कूलर और टेबल फैन की सुविधा भी है साथ. (फोटो: रिशिका बरुआ/ The QUINT)
उज्जैन कुंभ मेला 2016 : अखाड़े के अंदर धूनी रमाते नागा साधु. (फोटो: रिशिका बरुआ/ The QUINT)
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उज्जैन कुंभ मेला 2016 : कैमरे पर मुस्कुराते ‘रुद्राक्ष बाबा’. (फोटो: रिशिका बरुआ/ The QUINT)
उज्जैन कुंभ मेला 2016 : महाकाल शिव की भव्य प्रतिमा. (फोटो: रिशिका बरुआ/ The QUINT)
उज्जैन कुंभ मेला 2016 : पेड़ पर लगे झूले का आनंद लेने को अपनी बारी का इंतजार करते साधु. (फोटो: रिशिका बरुआ/ The QUINT)
उज्जैन कुंभ मेला 2016 : रात में राम घाट का मनोरम नजारा. (फोटो: रिशिका बरुआ/ The QUINT)

और अंत में सड़क किनारे नींबू पानी पीने के साथ ही मेरी कुंभ यात्रा खत्म हुई. अगली बार मैं फिर से इसका लुत्फ लेना चाहूंगी और अधिक समय बिताना चाहूंगी.

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Published: 12 May 2016,06:04 PM IST

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