Home Photos Pitru Paksha के आखिरी दिन भोपाल से कोलकाता तक लोगों ने किया पिंडदान| Photos
Pitru Paksha के आखिरी दिन भोपाल से कोलकाता तक लोगों ने किया पिंडदान| Photos
Pitru Paksha 'Mahalaya' 2023: भाद्रपद महीने के कृष्णपक्ष के 15 दिन को 'पितृपक्ष' कहा जाता है.
क्विंट हिंदी
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पितृपक्ष का आज आखिरी दिन, घाट पर उमड़ा जन सैलाब
Swapan Mahapatra
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Pitru Paksha Mahalaya 2023: 'पितृ पक्ष' के आखिरी दिन, शनिवार, 14 अक्टूबर को 'महालया' के अवसर पर देश भर में लोगों ने अपने पूर्वजों के लिए 'तर्पण' किया. बता दें कि भाद्रपद महीने के कृष्णपक्ष के 15 दिन को 'पितृपक्ष' कहा जाता है. इस पखवारे में लोग अपने पूर्वजों की मृतात्माओं की मुक्ति के लिए पिंडदान करते हैं. सनातन धर्म में पितरों (पूर्वजों) की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए गया में पिंडदान को एक अहम कर्मकांड माना जाता है. बिहार का गया इसके लिए सर्वोत्तम स्थान माना गया है. आइये तस्वीरों में देखते हैं 'महालया' के अवसर पर देश भर के अलग-अलग हिस्सों में क्या हुआ.
भोपाल: भोपाल में 'पितृ पक्ष' के आखिरी दिन 'महालया' के अवसर पर लोग ऊपरी झील के तट पर अपने पूर्वजों के लिए 'तर्पण' करते हुए.
(फोटो- पीटीआई)
कोलकाता: 'पितृ पक्ष' के आखिरी दिन 'महालय' के अवसर पर श्रद्धालु गंगा नदी के किनारे अपने पूर्वजों के लिए 'पिंड दान' करते हुए.
(फोटो- पीटीआई)
कोलकाता: भाद्रपद महीने के कृष्णपक्ष के 15 दिन को 'पितृपक्ष' कहा जाता है.
(फोटो- पीटीआई)
इस पखवारे में लोग अपने पूर्वजों की मृतात्माओं की मुक्ति के लिए पिंडदान करते हैं.
(फोटो- पीटीआई)
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उत्तर प्रदेश हापुड जिले में 'पितृ पक्ष' के आखिरी दिन 'अनुष्ठान करते हुए.
(फोटो- पीटीआई)
पश्चिम बंगाल के नादिया में 'पितृ पक्ष' के आखिरी दिन हुगली नदी के तट पर अपने पूर्वजों के लिए 'तर्पण' करते लोग
(फोटो- पीटीआई)
उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर के रामगया घाट पर 'पितृ पक्ष' के आखिरी दिन अपना सिर मुंडवाते लोग
(फोटो- पीटीआई)
अगरतला: सनातन धर्म में पितरों (पूर्वजों) की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए गया में पिंडदान को एक अहम कर्मकांड माना जाता है. बिहार का गया इसके लिए सर्वोत्तम स्थान माना गया है.