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गणतंत्र दिवस के लिए 'मेड इन कश्मीर' तिरंगा, हाथ से होती है कढ़ाई... देखें Photos

Republic Day 2024: जमीला बेगम ने लगभग 400 महिलाओं को 10,000 से ज्यादा राष्ट्रीय झंडे बनाने की ट्रेनिंग दी है.

हिलाल शाह
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<div class="paragraphs"><p>गणतंत्र दिवस के लिए 'मेड इन कश्मीर' तिरंगा, हाथ से होती है कढ़ाई...देखें तस्वीरें</p></div>
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गणतंत्र दिवस के लिए 'मेड इन कश्मीर' तिरंगा, हाथ से होती है कढ़ाई...देखें तस्वीरें

(फोटो: हिलाल शाह)

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उत्तरी कश्मीर (Kashmir) के कुपवाड़ा जिले के एक छोटे से गांव की महिलाओं का एक समूह हाथ से कढ़ाई वाले भारतीय राष्ट्रीय झंडे बुनने के लिए जाना जाता है. इस समूह का नेतृत्व 33 साल की जमीला बेगम करती हैं. उन्होंने लगभग 400 से ज्यादा महिलाओं को हाथ से भारतीय झंडा बनाने की ट्रेनिंग दी है. उन्हें साल 2022 में उत्तरी सेना कमांडर द्वारा प्रशस्ति कार्ड से सम्मानित किया गया था. देखिए तस्वीरें...

उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के एक छोटे से गांव की महिलाओं का एक ग्रुप हाथ से कढ़ाई वाले भारतीय राष्ट्रीय झंडे बुनने के लिए जाना जाता है.

(फोटो: हिलाल शाह)

ग्रुप का नेतृत्व जमीला बेगम (33) कर रही हैं, जिन्होंने लगभग 400 महिलाओं को 10,000 से ज्यादा राष्ट्रीय झंडे बनाने की ट्रेनिंग दी है.

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10 अन्य महिलाओं के साथ, जमीला त्रेहगाम में 'FLWOK' नाम की एक यूनिट भी चलाती हैं.

(फोटो: हिलाल शाह)

'FLWOK' को भारतीय सेना की 41आरआर द्वारा स्पॉन्सर किया जाता है.

(फोटो: हिलाल शाह)

'कुपवाड़ा की ध्वज महिला' के नाम से मशहूर जमीला को 2022 में उत्तरी सेना कमांडर द्वारा प्रशस्ति कार्ड से सम्मानित किया गया था.

(फोटो: हिलाल शाह)

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यह झंडे देश भर में फहराए जाते हैं, खासकर हर गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर.

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ये झंडे अलग दिखते हैं क्योंकि अशोक चक्र पारंपरिक कश्मीरी क्रूवेल तकनीक द्वारा बनाए जाते है.

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"मेड इन कश्मीर" राष्ट्रीय ध्वज पहल की रेडियो कार्यक्रम "मन की बात" में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तारीफ की.

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जमीला बेगम ने कहा कि, "हर घर तिरंगा पहल के दौरान, मैंने लगभग 1000 झंडे सिले. इस मिशन में मैंने इस लक्ष्य को अंजाम तक पहुंचाने के लिए 250 स्थानीय महिलाओं से मदद भी मांगी."

(फोटो: हिलाल शाह)

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