ईस्टर के मौके पर 21 अप्रैल को हुए एक के बाद एक आठ बम धमाकों ने श्रीलंका की राजधानी कोलंबो को दहला कर रख दिया. इस धमाके में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, एहतियात के तौर पर श्रीलंका सरकार ने तत्काल प्रभाव से राजधानी में कर्फ्यू लगा दिया है और ये साफ नहीं हो सकता है कि इसे कब हटाया जाएगा.
चर्चों और होटलों को टारगेट करके हुए इस हमले में मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इस मामले में ताजा आंकड़ा 200 के पार पहुंच चुका है. समाचार एजेंसी AP ने देश के उप परिवहन मंत्री के हवाले से ये जानकारी दी.
इस धमाके में कम से कम 35 विदेशियों के मारे जाने की खबर. अब तक किसी भी ग्रुप ने नहीं ली जिम्मेदारी.
शुरुआत में कोलंबो के तीन बड़े होटलों और एक चर्च को निशाना बनाया गया. बाद में नेगंबो और बट्टिकालोआ के चर्च पर भी किया गया हमला.
समाचार एजेंसी एएफपी ने एक दस्तावेज के आधार पर कहा कि श्रीलंकन पुलिस प्रमुख ने इस संभावित हमले की चेतावनी पहले ही दे दी थी.
धमाका सुबह 8:45 बजे (स्थानीय समय) के आसपास हुआ क्योंकि ईस्टर की संडे पर लोग जमा हो रहे थे. यह श्रीलंका में हिंसा की बहुत ही बड़ी घटना है खासकर एक दशक पहले समाप्त हुए गृह युद्ध के बाद.
पुलिस के मुताबिक, तीन चर्चों - कोलंबो में सेंट एंथनीज चर्च, पश्चिमी तटीय शहर नेगंबो में सेंट सेबेस्टियन चर्च और पूर्वी शहर बट्टिकालोआ में एक और चर्च को निशाना बनाया गया.
कोलंबो में जिन होटलों को निशाना बनाया गया उसमें शन्ग्रिला, सिनामन ग्रांड और किंग्सबरी शामिल हैं.
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