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2000 रुपए से खड़ा किया 'सहारा साम्राज्य', तस्वीरों में देखें कैसा रहा सुब्रत रॉय का सफर?

Subrata Roy का लंबी बीमारी के बाद 14 नवंबर को मुंबई में निधन हो गया.

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2000 रुपए से खड़ा किया 'सहारा साम्राज्य', तस्वीरों में देखें कैसा रहा सुब्रत रॉय का सफर?

(PTI/file Photo)

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सहारा इंडिया परिवार (Sahara India) के संस्थापक सुब्रत रॉय (Subrata Rai Death) का लंबी बीमारी के बाद 14 नवंबर को 75 साल की आयु में मुंबई में निधन हो गया. उनकी मौत भारतीय उद्योग के लिए क्षति है. सहारा ग्रुप फाइनेंस, मीडिया, मनोरंजन और रियल एस्टेट सहित विभिन्न क्षेत्रों तक फैला हुआ है. तस्वीरों में देखिए कैसा रहा सहारा इंडिया ग्रुप के संस्थापक का सफर.

1948 में बिहार के अररिया में जन्मे सुब्रत रॉय ने 1976 में एक चिटफंड कंपनी सहारा फाइनेंस के साथ व्यवसायी के रूप में अपनी यात्रा शुरू की. उन्होंने पुराने पीयरलेस ग्रुप से प्रेरणा लेते हुए 1978 में कंपनी का कार्यभार संभाला और उसके वित्तीय मॉडल को नया रूप दिया.

(फोटो - पीटीआई)

उनके नेतृत्व में, सहारा इंडिया परिवार भारत के सबसे बड़े समूहों में से एक बन गया, जिसने लगभग 1.2 मिलियन लोगों को रोजगार दिया. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक दावा किया जाता है कि सहारा के 9 करोड़ से अधिक निवेशकों थे.

उन्होंने केवल 2,000 रुपये से शुरुआत की और एक साम्राज्य खड़ा किया.

(फोटो - पीटीआई)

सुब्रत रॉय का सहारा समूह एंबी वैली सिटी जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं और लंदन में प्रतिष्ठित ग्रोसवेनर हाउस होटल और न्यूयॉर्क शहर में प्लाजा होटल जैसे अधिग्रहण के बाद एक बड़ा नाम बन गया. इस समूह ने सहारा टीवी, जिसे बाद में 'सहारा वन' नाम दिया गया, और हिंदी भाषा के समाचार पत्र 'राष्ट्रीय सहारा' जैसे एंटरप्राइज के साथ मीडिया इंडस्ट्री में भी महत्वपूर्ण तरक्की की.

(फोटो - पीटीआई)

हालांकि, सुब्रत रॉय का शानदार करियर विवादों से अछूता नहीं रहा. सहारा घोटाले को लेकर रॉय पर 24,000 करोड़ रुपये के फंड के कुप्रबंधन का आरोप लगा.

(फोटो - सुब्रत रॉय/ इंस्टाग्राम)

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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सहारा पर उचित अप्रूवल के बिना वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर (OFCD) के माध्यम से धन जुटाने का आरोप लगाया. इसके चलते 2011 में सेबी ने सहारा की दो कंपनियों को निवेशकों से जुटाई गई रकम लौटाने का निर्देश दिया.

(फोटो - सुब्रत रॉय/ इंस्टाग्राम)

इस मामले में मार्च 2014 में सुब्रत रॉय गिरफ्तार हो गए और उन्होंने 2017 में पैरोल पर रिहा होने से पहले तिहाड़ जेल में समय बिताया. इस घोटाले ने सहारा समूह की प्रतिष्ठा को धूमिल कर दिया और सुब्रत रॉय, जो कभी जिंदगी में भव्य आयोजन की मेजबानी  और मशहूर हस्तियों और राजनेताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते थे, उनकी छवि को खासा नुकसान पंहुचा.

(फोटो - X/ mohd. azharuddin)

विवादों के बावजूद, भारतीय अर्थव्यवस्था पर सुब्रत रॉय का प्रभाव और समाज के बैंक रहित क्षेत्रों को वित्तीय सेवाएं प्रदान करने में उनकी भूमिका खास थी. उनके मानवीय प्रयासों में उत्तराखंड बाढ़ के दौरान आपदा राहत में योगदान और कारगिल युद्ध के शहीदों के परिवारों को सहायता शामिल थी.

(फोटो - सुब्रत रॉय/ इंस्टाग्राम)

सहारा के बयान के मुताबिक, तबीयत बिगड़ने के बाद सुब्रत रॉय को मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में भर्ती कराया गया था. 14 नवंबर की रात 10.30 बजे कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण अस्पताल में उनका निधन हो गया.

(फोटो- फेसबुक/सहारा इंडिया) 

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