सीरिया में आम लोगों का जीवन बदरंग हो चुका है. 6 सालों से लगातार जंग से जूझते लोग तबाह हो चुके हैं. इसके बावजूद जिंदगी अभी भी वहां के बच्चों की आंखों में उम्मीद बनकर चमक रही है.
इन बच्चों के दिल का हाल जानने के लिए UNICEF ने उनके हाथों में कागज और रंग दे दिए, फिर उन्हें अपने ख्वाबों-खयालों को रंग देने को कहा.
ये रही इनकी तस्वीरें, जहां दिन-रात जिंदगी दम तोड़ रही है. तबाह मकानों के बीच कहीं-कहीं अब भी मुस्कुरा रही है जिंदगी.
मैं एक घर चाहता हूं जिसमें दो खिड़कियां और एक दरवाजा हो: अब्दुलमाजीद, 13
मैं अपने टेडी बियर को मिस करती हूं, जो मेरे कजन ने जन्मदिन पर मुझे दिया था. वह मेरे घर पर ही छूट गया: गजल, 10 साल
मैंने कई सारे फल बनाए हैं, जैसे केले, संतरे और मैंडरिन. मुझे ये फल खाए काफी दिन बीत गए हैं. शादी, 11 साल
मैं एक बड़े घर में रहना चाहती हूं, जिसमें मेरे परिवारवालों और दोस्तों के लिए जगह हो: फातिमा, 5 साल
वो एक बड़ी और साफ जगह है, जहां हरी घास, पेड़ और फूल हैं: अमार (6 साल ) का सपना
मुझे स्पोर्ट्स पसंद है, खासकर स्विमिंग. मेरी ख्वाहिश है कि मैं स्विमिंग सीखूं और एक तेज स्विमर बनूं: खालिद, 13 साल
सीरिया दर्द में है, क्योंकि लोग एक-दूसरे की जान के दुश्मन हैं: हनीन, 11 साल
मैं उन छोटे बच्चों के बारे में सोचती रहती हूं, जिनके किंडरगार्टन पर बम आ कर गिरा: अमाल, 12
जंग को इतने करीब से देखते हुए खौफ से इनका पाला तो रोज पड़ता ही रहता है. किसी ने इसमें दोस्तों को खोया है, तो किसी ने परिवारवालों को. उनकी इन ड्रॉइंग में वो दर्द साफ झलकता है.
जंग में इनके स्कूल और घर भी तबाह हो गए, तभी तो नन्ही उंगलियों ने उम्मीदों को कसकर पकड़ा हुआ है.
बम के धमाकों के बीच इन बच्चों की आवाज शायद ही दुनिया तक पहुंच पाती, अगर ये तस्वीरें न होतीं.
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