Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Photos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019उत्तरकाशी सुरंग में 3 दिन से जारी रेस्क्यू, अब तक क्या हुआ- कैसे फंसे 40 श्रमिक?

उत्तरकाशी सुरंग में 3 दिन से जारी रेस्क्यू, अब तक क्या हुआ- कैसे फंसे 40 श्रमिक?

Uttarkashi: उत्तराखंड सरकार ने उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना की जांच के लिए छह सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है.

क्विंट हिंदी
तस्वीरें
Published:
<div class="paragraphs"><p>उत्तरकाशी सुरंग में 3 दिन से जारी रेस्क्यू, अब तक क्या हुआ, कैसे फंसी 40 जिंदगियां?</p></div>
i

उत्तरकाशी सुरंग में 3 दिन से जारी रेस्क्यू, अब तक क्या हुआ, कैसे फंसी 40 जिंदगियां?

(फोटो- एक्सेस्ड बाय क्विंट हिंदी)

advertisement

उत्तराखंड (Uttarkhand) में एक सुरंग के अंदर फंसे 40 श्रमिकों को बचाने के लिए मल्टी-एजेंसी ऑपरेशन चलाया जा रहा है. राज्य के उत्तरकाशी (Uttarkashi) जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक निर्माणाधीन सुरंग 12 नवंबर को सुबह लगभग 5 बजे ढह गई, जिसमें 40 मजदूर मलबे में फंस गए हैं.

उत्तरकाशी में सुरंग हादसे में तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. टनल में 40 मजदूर फंसे हुए हैं, जिन्हें सकुशल बाहर निकालने के लिए जद्दोजहद लगातार जारी है. तमाम रेस्क्यू टीमें युद्ध स्तर पर काम कर रही हैं. टनल से मजदूरों को रेस्क्यू करने के लिए मौके पर 900 मिमी व्यास वाले ह्यूम पाइप और ड्रिल मशीन पहुंच गई हैं. मजदूरों के लिए ऑक्सीजन का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.

(फोटो- एक्सेस्ड बाय क्विंट हिंदी)

निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भी ह्यूम पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा था. लेकिन जिस दिन यह हादसा हुआ, उस दिन टनल के संवेदनशील हिस्से में ह्यूम पाइप नहीं बिछाए गए थे. अगर टनल के अंदर ह्यूम पाइप बिछे होते, तो अब तक पाइपों के जरिए मजदूर बाहर आ चुके होते.

(फोटो- एक्सेस्ड बाय क्विंट हिंदी)

जब मजदूरों को टनल से बाहर निकाला जायेगा, उस समय कोई अनहोनी न हो, इसे देखते हुए सिलक्यारा टनल में भूस्खलन की घटना के बाद यहां स्वास्थ्य विभाग ने छह बेड का अस्थायी अस्पताल तैयार किया है. मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आरसीएस पंवार ने बताया कि अस्पताल घटनास्थल के समीप ही स्थापित किया गया है, जिसमें ऑक्सीजन सिलेंडर भी लगाए गए हैं. इस अस्पताल में 24 घंटे मेडिकल टीम के साथ 10 एंबुलेंस भी तैनात की गई हैं.

(फोटो- एक्सेस्ड बाय क्विंट हिंदी)

NHIDCL के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल का प्रतिनियुक्ति कार्यकाल बीते 6 नवंबर को खत्म हो गया. वह रिलीव होकर सेना में वापस लौट गए हैं. उन्होंने सुरंग में हादसे की सूचना पर दुख जताया है. उन्होंने बताया कि जहां मलबा गिरा है वह सुरंग का संवेदनशील हिस्सा था.

(फोटो- एक्सेस्ड बाय क्विंट हिंदी)

सुरंग धंसने के कारण टनल में फंसे श्रमिकों से SDRF कमान्डेंट मणिकांत मिश्रा ने वॉकी-टॉकी से बात कर उनकी कुशलता ली है. श्रमिकों ने बताया कि, वे सब ठीक हैं और शीघ्र ही निकलना चाहते हैं.

(फोटो- एक्सेस्ड बाय क्विंट हिंदी)

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

मणिकांत मिश्रा ने मजदूरा का हौसला बढाते हुए धैर्य और हिम्मत बनाये रखने को कहा है. साथ ही उन्हें जल्द ही सुरक्षित रेस्क्यू किये जाने का भरोसा दिलाया है.

(फोटो- एक्सेस्ड बाय क्विंट हिंदी)

इसके अलावा कम्प्रेसर के माध्यम से उन्हें आवश्यक खाद्य सामग्री (चना, बादाम, बिस्कुट,ओ.आर.एस, ग्लूकोस इत्यादि) और कुछ दवाइयां (सरदर्द, बुखार की) भी पहुंचाई गई है. कमान्डेंट एसडीआरएफ खुद मौके पर राहत और बचाव कार्यो का नेतृव कर रहे हैं.

(फोटो- एक्सेस्ड बाय क्विंट हिंदी)

जिला प्रशासन की ओर से टनल में फंसे 40 मजदूरों का ब्योरा दिया गया है. इनमें सबसे ज्यादा मजदूर झारखंड के बताए जा रहे हैं. दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश के मजदूरों की संख्या है और तीसरे नंबर पर ओडिशा के मजदूर हैं. झारखंड के 15 मजदूर हैं, जबकि बिहार के 3 मजदूर बताए जा रहे हैं. इनके अलावा बंगाल के 4, उत्तराखंड के 2, हिमाचल का 1, उत्तर प्रदेश के 8, असम के 2, ओडिशा के 5 मजदूर शामिल हैं.

(फोटो- एक्सेस्ड बाय क्विंट हिंदी)

दीवाली के दिन सुबह करीब 5:30 बजे ये हादसा हुआ. यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से 230 मीटर अंदर मलबा गिरा. देखते-देखते 30 से 35 मीटर हिस्से में पहले हल्का मलबा गिरा, फिर अचानक भारी मलबा और पत्थर गिरने लगे, जिसके चलते सुरंग के अंदर काम कर रहे 40 मजदूर अंदर ही फंस गए.

(फोटो- एक्सेस्ड बाय क्विंट हिंदी)

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने मौके पर जानकारी ली साथ ही उनकी सरकार ने उत्तरकाशी सुरंग दुर्घटना की जांच के लिए छह सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है.

(फोटो- एक्सेस्ड बाय क्विंट हिंदी)

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT