International Women's Day 2023: क्या अपने डॉक्टर के पास हेल्थ चेकअप के लिए जाना आपको भी एक बड़ा काम लगता है? अगर हां, तो जान लें रेगुलर हेल्थ चेकअप और मेडिकल टेस्ट्स आपको कई बीमारियों से बचाकर आपके जीवन में कई साल और जोड़ सकते हैं. महिलाओं के जटिल रीप्रोडक्टिव बायोलॉजी के कारण उन्हें पुरुषों की तुलना में अधिक स्क्रीनिंग/टेस्ट की जरूरत होती हैं.

हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ-साथ समय-समय पर चेकअप जरूर करवाएं. फिट हिंदी ने सी. के. बिरला हॉस्पिटल की सीनियर गायनेकोलॉजिस्ट और ऑब्स्टट्रिशन डॉ. अरुणा कालरा से जाना कि महिलाओं को कौन-कौन से जरुरी हेल्थ चेकअप कराने चाहिए.

पैप स्मीयर(Pap Smear) - पैप स्‍मीयर टेस्‍ट को पैप टेस्‍ट या पैपनिकोलाउ टेस्‍ट के नाम से भी जाना जाता है. एक ऐसी जांच प्रक्रिया है जिसका इस्‍तेमाल सामान्‍य तौर पर गर्भाशय कैंसर(cervical cancer) का पता लगाने में किया जाता है. भारत में सर्वाइकल कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. एशिया में इस कैंसर के सबसे ज्यादा मरीज भारत में मिल रहे हैं. इस टेस्ट से गर्भाशय में कैंसर या कैंसर पूर्व कोशिकाओं का पता लगाया जाता है.

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मैमोग्राफी (Memoghaphy)- 40 साल से ज्यादा उम्र की महिलाएं मैमोग्राफी टेस्ट करवा कर ब्रेस्ट कैंसर का पता लगवा सकती हैं. मैमोग्राफी मुख्‍य तौर पर महिलाओं के स्‍तन(breast) का एक्‍स-रे होता है. ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं में कैंसर संबंधित मौतों का दूसरा प्रमुख कारण है. 40 साल की उम्र से कम की महिलाएं को ब्रेस्ट अल्ट्रासाउंड करना चाहिए. इससे ब्रेस्ट कैंसर की समय पर पहचान की जा सकती है.

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ब्लड शुगर (Blood Sugar)- भारत में बढ़ रहा है टाइप 2 डायबिटीज का खतरा. महिलाओं को डायबिटीज के लक्षण दिखे बिना भी प्री डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज की जांच करानी चाहिए. 20 साल से अधिक उम्र के वयस्कों में टाइप 2 डायबिटीज खराब लाइफस्टाइल के कारण बढ़ रहा है. मां बनने की प्लानिंग करने वाली महिलाएं गर्भ धारण करने से पहले और अनियोजित गर्भधारण का पता चलते ही अपनी डॉक्टर की सलाह से ब्लड शुगर की जांच जरुर करा लें. गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के 24 से 28 सप्ताह के बीच डायबिटीज की जांच के लिए ब्लड शुगर टेस्ट कराना चाहिए.

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ब्लड प्रेशर (Blood Pressure)- सीडीसी के अनुसार, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय रोग के प्रमुख जोखिम कारकों में से एक है, जो महिलाओं में मृत्यु का प्रमुख कारण है. घर में ब्लड प्रेशर की जांच आप खुद से भी कर सकती हैं. आइडियल ब्लड प्रेशर 120/80 mmHg या इससे थोड़ा कम होता है. लो ब्लड प्रेशर भी महिलाओं में एक कॉमन समस्या है. ब्लड प्रेशर नापने वाली मशीन के साथ नियमित ब्लड प्रेशर स्क्रीनिंग की जा सकती है.

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थाइरॉयड प्रोफाइल (Thyroid Profile)- थाइरोइड फंक्‍शन टेस्‍ट सामान्‍य तौर पर यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि शरीर में थाइरॉयड ग्‍लैंड्स सही से काम कर रहे हैं या नहीं. हमारे शरीर में उर्जा निर्माण, मेटाबोलिज्‍म और उत्‍साह पैदा करने जैसी प्रक्रियाओं को नियमित बनाए रखने के लिए इन ग्‍लैंड्स का सही तरीके से काम करना बेहद जरूरी होता है.

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लिपिड प्रोफाइल (Lipid Profile)- लिपिड प्रोफाइल का इस्‍तेमाल लोगों में दिल के रोगों का पता लगाने में किया जाता है. इसमें कई तरह के ब्‍लड टेस्‍ट शामिल होते हैं जिनकी मदद से हमारे ब्‍लड में 4 तरह के लिपिड की जांच की जाती है.

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विटामिन B12 (Vitamin B12)- विटामिन बी टेस्टिंग का इस्‍तेमाल यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि क्‍या आपके शरीर को पर्याप्‍त बी विटामिन मिल रहा है या नहीं. विटामिन B 12 ब्रेन को नर्वस सिस्टम को हेल्दी रखने के लिए जरुरी होता है. विटामिन बी12 और फोलेट टेस्‍ट अक्‍सर कुछ प्रकार के एनीमिया का पता लगाने में किया जाता है.

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विटामिन D (Vitamin D)- विटामिन डी कैल्शियम के अब्सॉर्प्शन और हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए जरूरी है. महिलाओं को पुरुषों से अधिक ऑस्टियोपोरोसिस तथा फ्रैक्‍चर संबंधित स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं का सामना करना पड़ता है, जिसे विटामिन डी की मदद से कम किया जा सकता है.

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पेल्विक अल्ट्रासाउंड (Pelvic Ultrasound)- पेल्विक टेस्‍ट के जरिए कैंसर, इन्फेक्शन और दूसरी तरह गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या का पता लगाने के लिए किया जाता है. इसमें  महिला के जननांगों (genitals) की जांच की जाती है.

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सीबीसी (CBC)- कम्‍पलीट ब्‍लड काउंट (सीबीसी) एक तरह का ब्‍लड टेस्‍ट है. इसका इस्‍तेमाल संपूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य.  एनीमिया, इन्फेक्शन और ल्‍यूकेमिया समेत कई गंभीर समस्‍याओं का पता लगाने के लिए किया जाता है.

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बोन डेन्सिटोमेट्री (Bone Density)- बढ़ती उम्र के साथ शरीर की हड्डियां कमजोर पड़ती जाती है. बोन डेन्सिटी की जांच महिला के शरीर के मुख्य हिस्‍सों में हड्डियों की संख्या का पता लगाती है, जिनमें कूल्‍हे, एड़ी और कलाई की हड्डियां मुख्य रूप से शामिल होती हैं. ऑस्टियोपोरोसिस का पता लगाने के लिए बीएमडी एक प्रमुख टेस्‍ट है. ऑस्टियोपोरोसिस महिलाओं में पाई जाने वाली आम समस्‍या है, जिसमें उनकी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और उनके टूटने का खतरा ज्‍यादा रहता है. महिलाएं साल में दो बार बोन डेन्स्टिी टेस्‍ट करा सकती हैं.

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मेंटल हेल्थ चेकअप (Mental Health CheckUp)- फिजिकल हेल्थ की तरह ही मेंटल और इमोशनल हेल्थ का ख्याल रखना बेहद जरुरी है. महिलाएं अक्सर स्ट्रेस, ओवर थिंकिंग, डिप्रेशन, एंजाइटी, पोस्टपार्टम डिप्रेशन जैसे मेंटल डिसऑर्डर का शिकार हो जाती हैं. मेंटल हेल्थ पर अभी भी लोग खुल कर बात नहीं करते. एक्सपर्ट्स के अनुसार महिलाओं में बढ़ते स्ट्रेस के कारण बढ़ रहा है हार्ट अटैक, हाइपरटेंशन, स्ट्रोक जैसी समस्याएं.

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दांतों की जांच (Dental CheckUp)- आपके मुंह के बैक्टीरिया और सूजन को हृदय रोग और निमोनिया सहित कई बीमारियों में भूमिका निभाने का जिम्मेदार पाया गया है. अपने मुंह के स्वास्थ्य की अनदेखी न करें. 

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