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XPoSat: नए साल पर ISRO का कीर्तिमान, पहले ही दिन ऐतिहासिक मिशन का सफल लॉन्च| Photos
XPoSat Satellite Launch: XPoSat उपग्रह की कुल लागत लगभग ₹ 250 करोड़ यानी करीब $30 मिलियन है.
क्विंट हिंदी
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XPoSat: New Year पर ISRO का कीर्तिमान,सोमनाथ बोले-2024 मिशन गगनयान का साल|Photos
(फोटो: क्विंट हिंदी)
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हिंदुस्तान ने साल 2024 के पहले ही दिन एक बार फिर नया कीर्तिमान स्थापति किया. ISRO ने एक और इतिहास रचते हुए सोमवार, 1 जनवरी को ब्रह्मांड के सबसे बड़े रहस्यों में से एक- ब्लैक होल को सुलझाने के लिए लिये XPoSat मिशन को सफतापूर्वक लॉच किया. देखिए मिशन के सफल लॉन्च से जुड़ी कुछ तस्वीरें-
मिशन लॉंच के बाद ISRO ने आधिकारिक 'X' हैंडल से पोस्ट कर बताया, "लिफ्ट-ऑफ सामान्य है. XPoSat उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया. PSLV-C58 वाहन ने उपग्रह को 6-डिग्री झुकाव के साथ 650 किमी की इच्छित कक्षा में सटीक रूप से स्थापित किया. POEM-3 को स्क्रिप्ट किया जा रहा है."
(फोटो: PTI)
ISRO ने सतीश धवन स्पेस सेंटर श्रीहरिकोटा से सुबह 9:10 बजे मिशन को लॉच किया. XPoSAT या एक्स-रे पोलारिमीटर उपग्रह के सफल लॉच के साथ, भारत अमेरिका के बाद ब्लैक होल का अध्ययन करने के लिए 'वेधशाला' (Observatory) रखने वाला दूसरा देश बन गया है.
(फोटो: ISRO/X)
XPoSat का मकसद ब्रह्मांड के 50 सबसे चमकीले स्रोतों की स्टडी करना है. एक्स-रे फोटॉन और उनके ध्रुवीकरण का उपयोग करके, XPoSAT ब्लैक होल और न्यूट्रॉन सितारों के पास से आ रहे विकिरण का अध्ययन करने में मदद करेगा.
(फोटो: ISRO/X)
सैटेलाइट को 500-700 किमी की पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया जाएगा. जहां रहकर यह 5 साल तक डेटा कलेक्ट करेगा.
(फोटो: ISRO/X)
XPoSAT मिशन को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान या PSLV की 60वीं उड़ान की मदद से स्पेस में भेजा गया. 469 किलोग्राम के XPoSAT के अलावा, 260 टन के पीएसएलवी ने उड़ान भरी है.
(फोटो: स्क्रीनशॉट फ्रॉम वीडियो)
अंतरिक्ष एजेंसी के पहले एक्स-रे पोलारिमीटर उपग्रह के प्रक्षेपण पर ISRO चीफ एस सोमनाथ ने कहा, "1 जनवरी, 2024 को, PSLV का एक और सफल मिशन पूरा हो गया है. पीएसएलवी के प्रक्षेपण के साथ नए साल की शुरुआत हो गई है और आगे हमारा समय रोमांचक रहेगा."
(फोटो: PTI)
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इसरो के PSLV-C58 XPoSat मिशन लॉन्च पर, मिशन निदेशक डॉ. जयकुमार एम ने कहा, "XPoSat एक अंतरिक्ष वेधशाला है. यह सौर विकिरण और यूवी सूचकांक की तुलना के लिए पूरी तरह से महिला-इंजीनियर्ड उपग्रह है. यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण को दर्शाता है."
(फोटो: PTI)
श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र की तस्वीर जब इसरो ने अपना पहला एक्स-रे पोलरीमीटर उपग्रह लॉन्च किया.
(फोटो: PTI)
इसरो चीफ ने आगे कहा, "यह साल अभी शुरू हुआ है, और हमारे पास कई और लॉन्च होंगे. इसके अलावा, 2024 मिशन गगनयान का वर्ष होने जा रहा है."
(फोटो: PTI)
जब तारों का ईंधन/फ्यूल खत्म हो जाता है और वे 'मर जाते हैं' तो वे अपने गुरुत्वाकर्षण के कारण ढह जाते हैं और अपने पीछे ब्लैक होल या न्यूट्रॉन तारे छोड़ जाते हैं. ब्रह्मांड में ब्लैक होल का गुरुत्वाकर्षण बल सबसे अधिक है और न्यूट्रॉन सितारों का घनत्व सबसे अधिक है. यह मिशन इस बारे में अधिक जानकारी जुटाकर मिशन अंतरिक्ष में जटिल वातावरण के रहस्यों को जानने में मदद करेगा.
(फोटो: PTI)
सैटलाइट के लॉंच परकेंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, "इसरो ने 2024 की शानदार शुरुआत की! PSLV-C58/ XPoSat मिशन का सफल प्रक्षेपण. ऐसे समय में अंतरिक्ष विभाग के साथ जुड़े होने पर गर्व है जब टीम इसरो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तिगत हस्तक्षेप और संरक्षण के साथ एक के बाद एक सफलताएं हासिल कर रही है."
(फोटो: PTI)
XPoSat उपग्रह की कुल लागत लगभग ₹ 250 करोड़ यानी करीब $30 मिलियन है. XPoSat कैमरे से पृथ्वी की तस्वीर.