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कोरोना के लॉकडाउन में ठप पड़ी औद्योगिक गतिविधियों को ऑक्सीजन देने के इरादे से उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश ने श्रम कानूनों में बदलाव किया है. कई पुराने श्रम कानूनों को ये कहते हुए कारोबार से अलग कर दिया गया है कि वो पुराने हो चुके हैं और उनकी अब जरूरत नहीं है. लेकिन सवाल ये उठ रहे हैं की अर्थव्यवस्था को खड़ा करने की दलील देते हुए सरकारों ने मजदूरों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा को तो दांव पर नहीं लगा दिया?
आज बिग स्टोरी में इन लेबर लॉज में बदलाव से जुड़े विवाद और मुद्दों पर बात करेंगे वकील, संजोय घोष से, कारोबारी और भोपाल की मंडीदीप इंडस्ट्रीज के एग्जीक्यूटिव मेंबर, आदित्य राज मोदी से, और द ऑल इंडिया सेंट्रल कॉउन्सिल ऑफ़ ट्रेड यूनियन के जनरल सेक्रेटरी राजीव ढिमरी से.
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