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2015 में बड़ी जीत के बाद 2020 का दिल्ली विधानसभा चुनाव भी आम आदमी पार्टी ने जीत लिया है, केजरीवाल लगातार तीसरी तीसरी बार दिल्ली के CM बनने के लिए तैयार हैं. बीजेपी को 70 में से 8 सीटें मिलती दिख रही हैं. अगर बीजेपी को इस चुनाव में पांच सीटों का फायदा होता दिख रहा है तो कांग्रेस इस बार भी खाता नहीं खोल पाई. केजरीवाल सरकार की इस बड़ी जीत ने ये साबित कर दिया कि स्टेट वेलफेयर के मुद्दों पर, राष्ट्रवाद और पाकिस्तान से डर दिलाने वाले नैरेटिव को इस्तेमाल करे बिना भी चुनाव जीता जा सकता है.
आम आदमी पार्टी बिजली, पानी, सड़क, अस्पताल, स्कूल जैसे मुद्दों पर बात करके 2020 का दिल्ली विधान सभा चुनाव जीत पाई और इस बंपर जीत के बाद अरविंद केजरीवाल ने लोगों को धन्यवाद दिया है.
बीजेपी, जिस पार्टी ने लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत हासिल किया, उसे राजधानी की 70 सीटों में से सिर्फ 8 सीटें मिलना कोई मामूली बात नहीं है. दिल्ली के चुनावी कैंपेन की अगर बात करें तो बीजेपी ने पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत केंद्रीय मंत्रियों की पूरी फौज उतार दी थी. शाहीन बाग में जहां CAA विरोधी प्रदर्शन चल रहे हैं, उसे भी बीजेपी ने एक बड़े मुद्दे की तरह उठाया. यहां तक कि बीजेपी के नेताओं ने चुनावी प्रचार के दौरान कई विवादित बयान भी दिए. फिर चाहे वो 'गोली मारो' के नारे हों, शाहीन बाग को 'करंट लगाने वाला बयान हो या फिर बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा का शाहीन बाग प्रोटेस्टर्स पर ऐसा बयान देना हो जिसे हम दोहराना भी नहीं चाहते.
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