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दिल्ली हिंसा को लेकर फेक न्यूज का बाजार इस कदर गरम रहा कि पहले तो अफवाह फैली, पैनिक का माहौल बना, भगदड़ मची और फिर एक बच्चे की भगदड़ में मौत हो गई. यानी फेक न्यूज की वजह से एक इंसान को अपनी जान गंवानी पड़ी.
फेक न्यूज या फर्जी खबरों से जूझने की समस्या कोई नई नहीं है. आप के पास स्मार्टफोन है, आप Whatsapp, फेसबुक या किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर हैं, तो ये स्वाभाविक ही है कि आप ऐसी कोई खबर पढ़ते होंगे, जो पढ़कर या तो थोड़ी अटपटी लगती होगी या अविश्वसनीय लगती हो.
क्विंट की अलग से एक टीम है जिसका नाम है वेबकूफ - इनका काम है वेबसाइट पर मिली उन खबरों की खबर लेना जिनके झांसे में आप आकर बेवकूफ बन सकते हैं. आज इस पॉडकास्ट में बात करेंगे हमारी वेबकूफ टीम की कृतिका गोयल से, जो बतांएगीं कि दिल्ली हिंसा से जुड़ी अलग-अलग फेक न्यूज को उन्होंने कैसे वेरिफाई किया.
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